Delhi Earthquake: दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा में दो दिन में दो भूकंप, लोगों में दहशत का माहौल

Delhi Earthquake: दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा में दो दिन में दो भूकंप, लोगों में दहशत का माहौल

नई दिल्ली, 11 जुलाई — दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा के कई हिस्सों में शुक्रवार शाम 7:45 बजे एक बार फिर भूकंप के झटकों ने लोगों को दहशत में डाल दिया। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के मुताबिक, भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.7 मापी गई और इसका केंद्र हरियाणा के झज्जर जिले में जमीन से 10 किलोमीटर की गहराई में था।

यह लगातार दूसरा दिन है जब इस क्षेत्र में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। इससे पहले गुरुवार सुबह 9:04 बजे भी लोगों ने धरती को हिलते हुए महसूस किया था। उस समय झटकों की तीव्रता 4.4 दर्ज की गई थी और केंद्र झज्जर से लगभग तीन किलोमीटर उत्तर-पूर्व दिशा में स्थित था।

लगातार दो दिनों तक भूकंप आने से दिल्ली, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम, फरीदाबाद, पानीपत, हिसार और मेरठ जैसे शहरों के नागरिकों में भय व्याप्त है। लोग अपने घरों और दफ्तरों से बाहर निकलकर खुले स्थानों में खड़े हो गए। ऊंची इमारतों में रह रहे लोगों के बीच डर का माहौल अधिक देखा गया।

दिल्ली के विकासपुरी इलाके के निवासी सुल्तान खान ने बताया, “यह बहुत ही डरावना अनुभव था। पहले गर्मी, फिर रातभर की बारिश, और अब यह भूकंप – तीनों ने मिलकर हालात को और मुश्किल बना दिया है।” वहीं अहमद अली नामक व्यक्ति ने कहा, “हम नींद में थे, लेकिन जैसे ही झटका लगा, सब जाग गए और घबराकर बाहर निकल आए। मेरे बच्चे अब भी डरे हुए हैं।”

झज्जर जिले के एक बुजुर्ग ने बताया कि उन्होंने पहली बार इतनी तेज़ी से धरती को हिलते हुए महसूस किया। उनके अनुसार, झटके इतने तीव्र थे कि लोग बिस्तर छोड़कर घर से बाहर दौड़ पड़े। झज्जर के साथ-साथ रोहतक, गुरुग्राम और पानीपत में भी लोगों ने भूकंप को महसूस किया।

गुरुवार और शुक्रवार के लगातार झटकों से नागरिकों के मन में यह आशंका है कि कहीं आने वाले दिनों में और बड़े झटके न आएं। इसी डर से कई लोग देर तक घर के बाहर ही खड़े रहे। ग्रेटर नोएडा और नोएडा में भी ऐसा ही दृश्य देखने को मिला, जहां लोग पार्कों और सड़कों पर जमा हो गए।

भूकंप विज्ञान केंद्र लगातार भूकंपीय गतिविधियों पर नजर रखे हुए है, हालांकि किसी प्रकार के बड़े नुकसान की खबर नहीं है। विशेषज्ञों ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और भूकंप के दौरान सुरक्षा के निर्धारित दिशा-निर्देशों का पालन करें।

भूकंप के झटकों से एक बार फिर यह स्पष्ट हुआ है कि दिल्ली-एनसीआर भूकंपीय रूप से संवेदनशील क्षेत्र में आता है, और समय रहते सावधानी बरतना आवश्यक है।

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