Delhi Fire Incident: दिल्ली के वसंत विहार रैनबसेरे में भीषण आग, दो लोगों की दर्दनाक मौत; जांच जारी
दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के वसंत विहार क्षेत्र में सोमवार देर रात एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जब कुली कैंप स्थित रैनबसेरे में अचानक आग भड़क उठी। इस हादसे में दो लोगों की झुलसकर दर्दनाक मौत हो गई, जबकि पांच अन्य लोगों को समय रहते सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। मृतकों की पहचान 18 वर्षीय अर्जुन और 42 वर्षीय विकास के रूप में हुई है। हादसे के बाद पूरे क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई और लोगों के बीच दहशत का माहौल बन गया।
जानकारी के अनुसार, घटना की सूचना मिलते ही दमकल विभाग तुरंत सक्रिय हुआ और करीब डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। मौके पर चार फायर टेंडर भेजे गए थे, जो देर रात तक राहत कार्यों में लगे रहे। हालांकि, आग इतनी भीषण थी कि अर्जुन और विकास को बचाया नहीं जा सका और दोनों के शव पूरी तरह से झुलसे हुए मिले।
स्थानीय निवासियों के मुताबिक, अचानक तेज धमाके जैसी आवाज सुनाई दी, जिसके बाद तंबू जैसी संरचना में आग तेजी से फैलती चली गई। लोग चीखते-चिल्लाते हुए बाहर निकलने की कोशिश करने लगे। चश्मदीदों ने बताया कि आग के फैलने की रफ्तार इतनी ज्यादा थी कि धुएं ने कुछ ही मिनटों में पूरे रैनबसेरे को अपनी चपेट में ले लिया, जिससे सांस लेना भी मुश्किल हो गया। कुछ लोगों को खुद को बचाने के लिए जमीन पर रेंगते हुए बाहर निकलना पड़ा।
शुरुआती जांच में अनुमान लगाया जा रहा है कि आग की वजह बिजली के तारों में शॉर्ट सर्किट हो सकती है। रैनबसेरे में रहने वाले युवक वीरांशु कुमार ने बताया कि उन्हें जलते तारों की गंध आई थी और देखते ही देखते ऊपर से आग नीचे की ओर फैलती गई। वहीं, कुली कैंप के अध्यक्ष मुन्ना लाल ने दावा किया कि रैनबसेरे का एंट्री और एग्जिट पॉइंट एक ही है, जिसे उस समय अंदर खड़ी एक मोटरसाइकिल ने अवरुद्ध कर रखा था। आग की तेज लपटों में बाइक का पेट्रोल टैंक फट गया, जिससे स्थिति और भी भयावह हो गई तथा बाहर निकलने का रास्ता पूरी तरह बंद हो गया।
स्थानीय लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि मौके पर मौजूद केयरटेकर ने समय पर अलार्म बजाने या लोगों को चेतावनी देने की कोशिश नहीं की, जिससे नुकसान और बढ़ गया। पुलिस ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है और कई कोणों से जांच की जा रही है, जिसमें इलेक्ट्रिकल फॉल्ट, लापरवाही और सुरक्षा प्रबंधन की कमी प्रमुख बिंदु हैं। फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल से नमूने एकत्रित किए हैं, जबकि शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
इस हृदयविदारक घटना ने एक बार फिर शहर में अस्थायी आश्रय स्थलों की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से रैनबसेरों में फायर सेफ्टी उपकरणों की अनिवार्य व्यवस्था और नियमित जांच की मांग की है, ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदी को रोका जा सके।