Delhi PCR Van Accident: सड़क किनारे चाय की दुकान में घुसी दिल्ली पुलिस की पीसीआर वैन, दुकानदार की मौत

Delhi PCR Van Accident: सड़क किनारे चाय की दुकान में घुसी दिल्ली पुलिस की पीसीआर वैन, दुकानदार की मौत

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में गुरुवार सुबह एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ जब मंदिर मार्ग थाना क्षेत्र में दिल्ली पुलिस की पीसीआर वैन अनियंत्रित होकर सड़क किनारे बनी चाय की दुकान में घुस गई। इस हादसे में दुकानदार की मौके पर ही मौत हो गई। मृतक की पहचान घनश्याम तिवारी के रूप में हुई है, जो पंचकुइयां रोड पर वर्षों से चाय की छोटी दुकान चलाते थे।

जानकारी के अनुसार, आरके आश्रम मेट्रो स्टेशन के पास यह दुर्घटना तब हुई जब पीसीआर वैन चालक ने गलती से एक्सीलेटर दबा दिया। तेज झटके के कारण गाड़ी नियंत्रण से बाहर हो गई और सीधी दुकान में घुस गई। हादसे के समय घनश्याम तिवारी अपनी दुकान पर ग्राहकों को चाय परोस रहे थे। वैन के टकराने से वे गंभीर रूप से घायल हो गए और कुछ ही पलों में उनकी मौत हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, टक्कर इतनी जोरदार थी कि दुकान का एक हिस्सा भी क्षतिग्रस्त हो गया।

घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे। नई दिल्ली के एडिशनल डीसीपी हुकमा राम ने कहा, “यह एक दुर्भाग्यपूर्ण हादसा है। मामले की जांच की जा रही है। हम मृतक परिवार को हर संभव मदद और मुआवजा देंगे। सीसीटीवी फुटेज खंगाली जा रही है ताकि पूरे घटनाक्रम की पुष्टि हो सके।” पुलिस ने मृतक का शव पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया है।

सूत्रों का कहना है कि पीसीआर वैन अचानक से बगल की ओर मुड़ी और सीधे तिवारी की दुकान से जा टकराई। बचाव दल तुरंत मौके पर पहुंचा लेकिन गंभीर चोटों की वजह से घनश्याम तिवारी को बचाया नहीं जा सका। आसपास मौजूद लोगों ने हादसे के बाद आक्रोश भी व्यक्त किया और चालक की लापरवाही पर सवाल उठाए।

फिलहाल पुलिस ने चालक को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि यह मानवीय त्रुटि का मामला है लेकिन तकनीकी खामियों की भी जांच की जा रही है। स्थानीय लोगों ने मांग की है कि पीसीआर वैन और अन्य सरकारी वाहनों को चलाने वाले चालकों के लिए नियमित प्रशिक्षण और जांच अनिवार्य होनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसे हादसों को रोका जा सके।

यह घटना एक बार फिर सड़क सुरक्षा और पुलिस वाहनों के सुरक्षित संचालन पर सवाल खड़े करती है। दिल्ली जैसी व्यस्त राजधानी में ऐसे हादसे न केवल लोगों की जान के लिए खतरा हैं बल्कि पुलिस की साख पर भी सवालिया निशान लगाते हैं।

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