Delhi Crime: दिल्ली में बड़ी कार्रवाई: 3.5 करोड़ के बैन हुए नोट बरामद, पुरानी करेंसी का गिरोह बेनकाब—4 गिरफ्तार

Delhi Crime: दिल्ली में बड़ी कार्रवाई: 3.5 करोड़ के बैन हुए नोट बरामद, पुरानी करेंसी का गिरोह बेनकाब—4 गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने राजधानी में एक ऐसी अवैध गतिविधि का भंडाफोड़ किया है, जिससे साफ हो गया कि नोटबंदी के 9 साल बाद भी पुराने 500 और 1000 रुपये के नोटों का काला कारोबार थमा नहीं है। शालीमार बाग मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 4 के पास छापा मारकर पुलिस ने 3.5 करोड़ रुपये से अधिक की बंद हो चुकी करेंसी बरामद की है। पुलिस ने मौके से चार आरोपियों—हर्ष, टेक चंद, लक्ष्य और विपिन कुमार—को गिरफ्तार कर लिया है।

कैसे पकड़ा गया नोटों का खेल

क्राइम ब्रांच को गुप्त सूचना मिली थी कि इलाके में पुराने नोटों की खरीद–फरोख्त की जा रही है। जांच के बाद पुलिस की विशेष टीम ने जाल बिछाया और आरोपियों को अवैध नोटों के बंडलों के साथ रंगे हाथों पकड़ लिया। उनके पास से भारी मात्रा में 2016 में अवैध घोषित किए गए 500 और 1000 रुपये के नोट मिले। साथ ही दो गाड़ियां भी जब्त की गईं, जिनका उपयोग सौदेबाजी और परिवहन में किया जा रहा था।

पूछताछ के दौरान आरोपियों ने कबूल किया कि वे लोगों को यह कहकर फुसलाते थे कि पुरानी करेंसी अभी भी आरबीआई में बदली जा सकती है। इस झूठे दावे के आधार पर वे बेहद कम कीमत पर यह करेंसी खरीदते थे ताकि आगे किसी तरह के अवैध नेटवर्क में बेच सकें।
लेकिन जब पुलिस ने दस्तावेज मांगे तो आरोपी कोई भी वैध प्रमाण प्रस्तुत नहीं कर सके।

कानूनी कार्रवाई और आगामी जांच

नोटबंदी के बाद लागू स्पेसिफाइड बैंक नोट्स एक्ट के अनुसार पुरानी एसबीएन करेंसी का रखना, खरीदना या बेचना पूरी तरह दंडनीय अपराध है। इसके आधार पर पुलिस ने धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और नोटबंदी कानून के तहत केस दर्ज किया है।

अब यह भी जांच की जा रही है कि इनके गिरोह में और कौन शामिल है, नोटों की इतनी बड़ी खेप कहां से आई, और क्या दिल्ली-एनसीआर में इससे जुड़े अन्य मॉड्यूल सक्रिय हैं। पुलिस का कहना है कि बरामदगी के बाद गिरोह के बाकी नेटवर्क पर भी जल्द ही कार्रवाई तेज की जाएगी।

यह मामला एक बार फिर दिखाता है कि नोटबंदी के वर्षों बाद भी अवैध नोटों का काला कारोबार खत्म नहीं हुआ है, और ऐसे गिरोह समय–समय पर नए तरीकों से सक्रिय होने की कोशिश करते रहते हैं।

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