Universal Brotherhood Day: रेड क्रॉस सोसाइटी ने यूनिवर्सल ब्रदरहुड डे के अवसर पर रक्तदान शिविरों का किया आयोजन
नई दिल्ली, 21 जून — यूनिवर्सल ब्रदरहुड डे (विश्व भाईचारा दिवस) के अवसर पर रेड क्रॉस सोसाइटी ऑफ इंडिया ने उत्तरी भारत में विभिन्न स्थानों पर रक्तदान शिविरों का आयोजन किया। यह पहल संस्था की मानवता सेवा और जनस्वास्थ्य के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
प्रमुख शिविरों में से एक फ्रीमेसन हॉल, जनपथ, नई दिल्ली में आयोजित किया गया, जहाँ लगभग 55 स्वयंसेवकों ने रक्तदान कर मानव सेवा में भाग लिया। यह आयोजन समन्वित प्रयास का हिस्सा था, जिसके अंतर्गत कुल सात रक्तदान शिविर उत्तर भारत में आयोजित किए गए।
इस अवसर पर रीजनल ग्रैंड लॉज ऑफ नॉर्दर्न इंडिया के प्रतिनिधि कुशवंत सिंह रेखी ने संस्था के व्यापक नेटवर्क और सामाजिक कल्याण गतिविधियों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “हमारे संगठन की देशभर में कई शाखाएँ हैं, और हम लगातार जरूरतमंदों की सहायता में लगे रहते हैं। आज के ये शिविर हमारे सामूहिक मानवीय सेवा प्रयास का प्रतीक हैं।”
श्री रेखी ने यह भी बताया कि रेड क्रॉस सोसाइटी समाज के वंचित वर्गों के लिए स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने में निरंतर सक्रिय है। “हम वर्षों से जरूरतमंदों के लिए मुफ्त चिकित्सा शिविर और नेत्र शल्य चिकित्सा जैसे कार्यक्रम आयोजित करते आ रहे हैं,” उन्होंने कहा।
यह रक्तदान अभियान न केवल जीवनरक्षक योगदान का माध्यम बना, बल्कि भाईचारे और करुणा की भावना को भी उजागर करता है, जो यूनिवर्सल ब्रदरहुड डे का मूल संदेश है। इस अवसर पर स्वयंसेवकों, स्थानीय निवासियों और विभिन्न सामाजिक संगठनों के सदस्यों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया, जिससे यह आयोजन सफल रहा।
सभी शिविरों में चिकित्सा टीमों ने स्वास्थ्य और सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित किया। रक्तदान के बाद दाताओं को ताजगी देने वाले पेय और आवश्यक चिकित्सकीय परामर्श भी दिया गया।
रेड क्रॉस सोसाइटी ऑफ इंडिया, जो आपातकालीन सेवा, स्वास्थ्य सहयोग और आपदा राहत के क्षेत्र में विख्यात है, ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से स्थानीय समुदायों को जोड़कर अपने कार्यक्षेत्र का विस्तार करती आ रही है। ऐसे आयोजन नागरिक जिम्मेदारी और सामाजिक एकता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
यूनिवर्सल ब्रदरहुड डे के अवसर पर रेड क्रॉस सोसाइटी की यह पहल एक सशक्त संदेश देती है कि सेवा और सद्भाव का भाव ही एक समावेशी और करुणामयी समाज की बुनियाद है।