Operation Sindoor: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता के बाद सामूहिक विवाह योजना में बड़ा बदलाव, अब दुल्हनों को दी जाएगी सिंदूरदानी
लखनऊ, 27 मई 2025 — उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता को आधार बनाकर अपनी बहुचर्चित मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में एक नया और भावनात्मक बदलाव किया है। अब इस योजना के तहत विवाह करने वाली हर नवविवाहित कन्या को सिंदूरदानी भी उपहार स्वरूप दी जाएगी। यह पहल सिर्फ एक प्रतीकात्मक उपहार नहीं, बल्कि महिला सम्मान, आत्मगौरव और परंपरा के सम्मान का प्रतीक भी मानी जा रही है।
गोरखपुर में आयोजित एक भव्य सामूहिक विवाह समारोह में इस बदलाव की शुरुआत की गई, जिसमें लगभग 1200 जोड़ों ने विवाह किया। इस आयोजन में नवविवाहित महिलाओं को उपहारों के साथ सिंदूरदानी भी भेंट की गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार का मानना है कि यह नवविवाहिताओं के आत्मसम्मान और भारतीय सांस्कृतिक परंपराओं को बढ़ावा देने की दिशा में एक सकारात्मक पहल है।
इस योजना में अब सरकार प्रति जोड़े पर 1 लाख रुपये खर्च करेगी, जबकि पहले यह राशि 51,000 रुपये थी। नए प्रावधानों के तहत, इस एक लाख रुपये में से 60,000 रुपये सीधे दुल्हन के बैंक खाते में ट्रांसफर किए जाएंगे — यह राशि पहले 35,000 रुपये थी। शेष 40,000 रुपये आयोजन, उपहार और अन्य व्यवस्थाओं पर खर्च होंगे।
उपहार सामग्री के बजट को भी दोगुना कर दिया गया है — पहले यह 10,000 रुपये था, जो अब बढ़ाकर 25,000 रुपये कर दिया गया है। आयोजन से संबंधित खर्च भी 6,000 रुपये से बढ़ाकर 15,000 रुपये कर दिया गया है, जिससे विवाह समारोह को और अधिक भव्य और गरिमामय बनाया जा सके।
शादी में मिलने वाली सामग्री और सुविधाएं:
कन्याओं को दी जाने वाली सामग्रियों में कढ़ाई वाली साड़ी, चुनरी, रोज पहनने के लिए साधारण साड़ी, श्रृंगार सामग्री से भरपूर श्रृंगारदानी और अब सिंदूरदानी शामिल की गई है। दूल्हों को कुर्ता-पायजामा, पगड़ी और माला दी जाती है। मुस्लिम जोड़ों के लिए विशेष ध्यान रखते हुए, वधू को कढ़ाई वाला सूट, चुनरी, और सूट का कपड़ा दिया जाता है, वहीं दूल्हे को पारंपरिक कुर्ता-पायजामा प्रदान किया जाता है।
इसके अलावा गृहस्थी की शुरुआत के लिए दंपति को कुकर, थाली, लोटा, गिलास, कटोरा, चम्मच, बक्सा जैसी आवश्यक वस्तुएं भी दी जाती हैं। शादी के अवसर को और भी खास बनाने के लिए चांदी की पायल और बिछुआ जैसे आभूषण भी शामिल किए गए हैं।
सरकार की यह योजना पहले से ही आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की कन्याओं के विवाह को गरिमा और सामाजिक सम्मान देने का माध्यम बनी हुई है। अब सिंदूरदानी जैसे भावनात्मक और सांस्कृतिक प्रतीकों को जोड़कर इसे और भी संवेदनशील और समर्पित स्वरूप दिया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की यह पहल महिलाओं के आत्मसम्मान को और भी ऊँचाई पर ले जाती है और समाज में विवाह जैसे संस्कार को सहयोग और सशक्तिकरण के रूप में स्थापित करती है।