Ayodhya Hotel Death: अयोध्या के होटल में प्रेमी युगल की संदिग्ध मौत से सनसनी, कमरे में मिली खून से सनी लाशें
अयोध्या – देवकाली बाईपास स्थित गौरीशंकर पैलेस होटल में शनिवार को एक सनसनीखेज घटना ने पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया। होटल के कमरे नंबर 103 में एक युवक और युवती की लाशें संदिग्ध हालात में मिलीं, दोनों के सिर पर गोली लगने के निशान थे। प्रारंभिक जांच में यह मामला आत्महत्या की ओर इशारा कर रहा है, लेकिन पुलिस हर एंगल से छानबीन कर रही है।
जानकारी के अनुसार, यह कमरा देवरिया जिले के रहने वाले आयुष कुमार नामक युवक ने शनिवार सुबह लगभग 10 बजे बुक कराया था। होटल प्रबंधन ने सिर्फ युवक की आईडी पर कमरा अलॉट कर दिया, लड़की की कोई पहचान दर्ज नहीं की गई थी। युवक-युवती की पहचान प्रेमी-प्रेमिका के रूप में हुई है, हालांकि लड़की की शिनाख्त अभी पूरी तरह से नहीं हो सकी है।
घटना का खुलासा तब हुआ जब होटल स्टाफ ने कई घंटों तक कमरे से कोई हलचल न होने पर संदेह जताया। उन्होंने दरवाजा खटखटाया, लेकिन अंदर से कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने जब दरवाजा तोड़ा, तो कमरे का मंजर चौंकाने वाला था। अंदर युवक और युवती खून से सने हुए मृत अवस्था में पड़े थे।
पुलिस को कमरे से एक देसी तमंचा और दो खोखे बरामद हुए हैं। कमरा अंदर से बंद था और जबरन घुसने के कोई निशान नहीं मिले, जिससे प्रथम दृष्टया यह आशंका जताई जा रही है कि युवक ने पहले युवती को गोली मारी और फिर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली।
फॉरेंसिक टीम ने मौके पर पहुंचकर घटनास्थल की बारीकी से जांच की और सबूत जुटाए। कमरे की हर वस्तु की वैज्ञानिक ढंग से जांच की जा रही है। पुलिस होटल के सीसीटीवी फुटेज और रजिस्टर की भी जांच कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि दोनों होटल तक कैसे पहुंचे, बीच में किससे मिले और क्या कोई संदिग्ध गतिविधि नजर आई।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि घटनास्थल से बरामद हथियार का परीक्षण कराया जाएगा ताकि यह पुष्टि हो सके कि गोली उसी से चलाई गई या नहीं। इसके अलावा मृतकों के मोबाइल फोन से भी डिलीटेड डेटा, कॉल रिकॉर्ड और चैट्स की जांच की जाएगी जिससे उनकी मानसिक स्थिति, पारिवारिक स्थिति और किसी अन्य विवाद का पता लगाया जा सके।
यह मामला प्रेम-प्रसंग, अवसाद या किसी अन्य गहरे कारण से जुड़ा हो सकता है। हालांकि पुलिस हर पहलु को ध्यान में रखते हुए जांच कर रही है, किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले मेडिकल रिपोर्ट, फोरेंसिक विश्लेषण और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों की पुष्टि का इंतजार किया जा रहा है।