Balasore FM College Suicide: ओडिशा की छात्रा ने यौन उत्पीड़न से त्रस्त होकर की आत्मदाह की कोशिश, AIIMS भुवनेश्वर में इलाज के दौरान मौत, देशभर में आक्रोश

Balasore FM College Suicide: ओडिशा की छात्रा ने यौन उत्पीड़न से त्रस्त होकर की आत्मदाह की कोशिश, AIIMS भुवनेश्वर में इलाज के दौरान मौत, देशभर में आक्रोश
भुवनेश्वर/बालासोर ओडिशा के बालासोर स्थित फकीर मोहन (एफएम) कॉलेज की एक छात्रा ने अपने विभागाध्यक्ष द्वारा कथित यौन उत्पीड़न से तंग आकर कॉलेज परिसर के बाहर आत्मदाह कर लिया था। लगभग 95% तक झुलसी छात्रा की रविवार रात AIIMS भुवनेश्वर में इलाज के दौरान मौत हो गई। यह घटना न केवल राज्य में बल्कि पूरे देश में महिलाओं की सुरक्षा, संस्थानों की जवाबदेही और पीड़िता की उपेक्षा को लेकर गहरी चिंता और आक्रोश का कारण बन गई है।
आत्मदाह की पीड़ा और चिकित्सा प्रयास
12 जुलाई को पीड़िता सौम्यश्री (परिवर्तित नाम), जो इंटीग्रेटेड बीएड द्वितीय वर्ष की छात्रा थी, ने कॉलेज गेट के सामने पेट्रोल डालकर खुद को आग लगा ली थी। इससे पहले वह कॉलेज परिसर में धरना देकर अपने विभाग के प्रमुख प्रोफेसर समीर कुमार साहू के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत पर कार्रवाई की मांग कर रही थी। लेकिन जब प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो वह मानसिक दबाव में आ गई और यह आत्मघाती निर्णय लिया।
उसे तत्काल बालासोर से AIIMS भुवनेश्वर लाया गया, जहां उसकी हालत गंभीर बनी रही। अस्पताल में उसे जीवनरक्षक उपचार, किडनी रिप्लेसमेंट थेरेपी, बर्न केयर और मानसिक स्वास्थ्य सहायता जैसी चिकित्सा सुविधाएं दी गईं, लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद 14 जुलाई की रात 11:46 बजे उसने दम तोड़ दिया।
प्रशासनिक लापरवाही और देरी से गिरफ्तारी
यह मामला 30 जून को छात्रा द्वारा पुलिस में शिकायत दर्ज कराने से शुरू हुआ था। लेकिन 12 दिन तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। केवल तब जब उसने आत्मदाह का प्रयास किया, तब जाकर 13 जुलाई को आरोपी प्रोफेसर समीर साहू को और 14 जुलाई को कॉलेज के प्रिंसिपल दिलीप कुमार घोष को गिरफ्तार किया गया। दोनों को ओडिशा उच्च शिक्षा विभाग ने निलंबित कर दिया है।
राज्य सरकार ने स्वीकार किया कि कॉलेज प्रशासन इस मामले को समय रहते ठीक से नहीं संभाल पाया। निलंबन आदेश में उल्लेख किया गया कि प्रिंसिपल अपने कर्तव्यों के निर्वहन में विफल रहे और उन्होंने यौन उत्पीड़न की गंभीर शिकायत को अनदेखा किया।
राष्ट्रपति मुर्मू की मुलाकात, देशभर में प्रतिक्रिया
इस दर्दनाक घटना के बाद देशभर में महिला सुरक्षा को लेकर आक्रोश बढ़ गया। ओडिशा दौरे पर आईं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वयं AIIMS भुवनेश्वर पहुंचकर छात्रा के परिजनों से मुलाकात की, डॉक्टरों की टीम से छात्रा के इलाज की जानकारी ली और प्रशासन से मामले की गहराई से जांच करने को कहा। उन्होंने गहरी चिंता व्यक्त की और परिजनों को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया।
सवालों के घेरे में उच्च शिक्षा संस्थान
इस घटना ने ओडिशा सहित पूरे देश के उच्च शिक्षा संस्थानों की आंतरिक शिकायत निवारण प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। छात्रा ने पहले भी कई बार संस्थान से न्याय की गुहार लगाई थी, लेकिन जबरदस्त अनदेखी और संवेदनहीनता का सामना करना पड़ा। यह मामला दर्शाता है कि यौन उत्पीड़न जैसे गंभीर मामलों को लेकर विश्वविद्यालय और कॉलेज स्तर पर कितनी ढिलाई बरती जा रही है।
देश भर में नाराजगी और कार्रवाई की मांग
सोशल मीडिया और नागरिक संगठनों के माध्यम से देश भर में लोगों ने छात्रा की मौत को संस्थागत असंवेदनशीलता का नतीजा बताया है। कई महिला अधिकार कार्यकर्ताओं और छात्र संगठनों ने निष्पक्ष जांच, सख्त सज़ा और कॉलेज प्रशासन में सुधार की मांग की है। इसके अलावा यौन उत्पीड़न मामलों की शिकायतों के निस्तारण के लिए तेज़, स्वतंत्र और प्रभावी तंत्र बनाने की आवश्यकता एक बार फिर रेखांकित हुई है।