Chhattisgarh Naxalites Encounter: छत्तीसगढ़ में अब तक का सबसे बड़ा नक्सल ऑपरेशन, हिड़मा समेत 300 नक्सली घेरे में
छत्तीसगढ़, तेलंगाना और महाराष्ट्र की सीमा पर स्थित बीजापुर के जंगलों और पहाड़ियों में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच निर्णायक मुठभेड़ चल रही है। पिछले 16 घंटों से जारी इस बड़े ऑपरेशन में सुरक्षा बलों के करीब 5,000 जवानों ने 300 से अधिक कुख्यात नक्सलियों को चारों ओर से घेर लिया है। इन नक्सलियों में मोस्ट वांटेड हिड़मा, देवा और दामोदर जैसे खतरनाक कमांडर भी शामिल हैं, जिनकी सुरक्षाबलों को लंबे समय से तलाश थी।
मुठभेड़ बीजापुर जिले के कर्रेगट्टा, नडपल्ली और पुजारी कांकेर की पहाड़ियों में हो रही है। नक्सली ऊंचाई पर छिपे हुए हैं जबकि जवानों ने नीचे से उन्हें घेर रखा है। दोनों ओर से लगातार गोलियां चल रही हैं और फायरिंग की आवाजें दूर-दूर तक सुनाई दे रही हैं। ऑपरेशन को सफलता के साथ अंजाम देने के लिए CRPF, DRG, STF, कोबरा, तेलंगाना की ग्रेहाउंड फोर्स और महाराष्ट्र की C-60 कमांडो यूनिट ने संयुक्त रूप से मोर्चा संभाला है।
IED से खतरा, पहाड़ियों पर ड्रोन की निगरानी
नक्सलियों ने बड़ी संख्या में आईईडी बिछा रखे हैं, जिससे सुरक्षाबलों की हर मूवमेंट पर खतरा बना हुआ है। 100 से अधिक आईईडी की आशंका के चलते सेना की डी-माइनिंग यूनिट लगातार सक्रिय है। सुरक्षाबल ड्रोन और सैटेलाइट से नक्सलियों की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए हैं। पहाड़ की भौगोलिक स्थिति को नक्सली अच्छी तरह जानते हैं, इसीलिए वह गुटों में बंटकर अलग-अलग स्थानों पर छिपे हुए हैं और छिपने के नए रास्ते तलाश रहे हैं।
राशन की किल्लत में फंसे नक्सली
सूत्रों की मानें तो पहाड़ियों में छिपे नक्सलियों के पास अब राशन की भारी कमी है। आमतौर पर नक्सली जंगलों में खुद राशन लेकर चलते हैं, लेकिन लंबे समय तक घेराबंदी के चलते उनकी आपूर्ति बाधित हो गई है। सुरक्षा एजेंसियों को उम्मीद है कि जैसे ही नक्सली नीचे उतरेंगे, उन्हें आसानी से निशाना बनाया जा सकेगा। इसी रणनीति के तहत सुरक्षाबलों ने चारों ओर से घेरेबंदी कर रखी है।
लंबे ऑपरेशन के लिए जवान तैयार
ऑपरेशन लंबा खिंच सकता है, इसलिए जवान हफ्तेभर का राशन और जरूरी सामान साथ लेकर आए हैं। हालांकि पहाड़ी इलाका होने के कारण ऑपरेशन बेहद चुनौतीपूर्ण है। सुरक्षाबलों को हर कदम संभलकर बढ़ाना पड़ रहा है। मौसम और इलाके की जटिलता के बावजूद जवान पूरी मुस्तैदी से अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
यह ऑपरेशन हाल के वर्षों में नक्सलियों के खिलाफ सबसे बड़ा और संगठित अभियान माना जा रहा है। अगर हिड़मा या अन्य बड़े नक्सली कमांडर पकड़े जाते हैं या मारे जाते हैं, तो यह माओवाद विरोधी अभियान की एक बड़ी सफलता होगी। फिलहाल पूरे इलाके में हाई अलर्ट है और सुरक्षा एजेंसियां हर पल की निगरानी कर रही हैं।