Chhagan Bhujbal: छगन भुजबल ने ली मंत्री पद की शपथ, बोले- जो जिम्मेदारी मिलेगी, निभाऊंगा

Chhagan Bhujbal: छगन भुजबल ने ली मंत्री पद की शपथ, बोले- जो जिम्मेदारी मिलेगी, निभाऊंगा

एनसीपी नेता और वरिष्ठ ओबीसी चेहरा छगन भुजबल ने एक बार फिर महाराष्ट्र सरकार के मंत्रिमंडल में वापसी कर ली है। उन्होंने मंगलवार सुबह 10 बजे मुंबई स्थित राजभवन में मंत्री पद की शपथ ली। इस मौके पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार भी मौजूद रहे। भुजबल को राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।

शपथ ग्रहण के बाद भुजबल ने मीडिया से बातचीत में कहा, “मुझे कौन सा मंत्रालय मिलेगा, यह मुख्यमंत्री तय करेंगे। जो भी जिम्मेदारी दी जाएगी, उसे मैं पूरी तरह निभाऊंगा।”

छगन भुजबल नासिक जिले के येवला से विधायक हैं और महाराष्ट्र की राजनीति में लंबे समय से सक्रिय हैं। वे राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री और कई बार मंत्री रह चुके हैं। 77 वर्षीय भुजबल को ओबीसी समाज के प्रभावशाली नेता के तौर पर जाना जाता है।

धनंजय मुंडे के इस्तीफे के बाद भुजबल की वापसी

भुजबल की यह वापसी राज्य के पूर्व खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री धनंजय मुंडे के इस्तीफे के बाद हुई है। मुंडे ने मार्च 2025 में स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया था, हालांकि उनके करीबी सहयोगी वल्मिक कराड का नाम बीड जिले के सरपंच देशमुख हत्या मामले में आने के बाद इस कदम को राजनीतिक रूप से अहम माना गया।

इससे पहले दिसंबर 2024 में हुए मंत्रिमंडल विस्तार में भुजबल को शामिल नहीं किया गया था, जिससे वे नाराज थे और सार्वजनिक तौर पर अपनी नाराजगी भी जताई थी। लेकिन अब पार्टी और सरकार के भीतर संतुलन बनाए रखने के लिए उनकी वापसी सुनिश्चित की गई है।

एकनाथ शिंदे ने कहा – सरकार को मिलेगा अनुभव का लाभ

उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने छगन भुजबल को बधाई देते हुए कहा, “भुजबल जी पहले भी मंत्री रह चुके हैं। उन्होंने कई विभागों का सफलतापूर्वक नेतृत्व किया है। उनके अनुभव का फायदा निश्चित रूप से सरकार को मिलेगा।”

मंत्रालय की जिम्मेदारी जल्द होगी तय

फिलहाल भुजबल को कौन सा मंत्रालय सौंपा जाएगा, यह तय नहीं है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस जल्द ही इसकी घोषणा करेंगे। यह भी स्पष्ट है कि भुजबल की नियुक्ति राज्य की ओबीसी राजनीति को संतुलित करने और आगामी विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखकर की गई है।

महाराष्ट्र में मौजूदा सरकार महायुति गठबंधन की है, जिसमें भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजित पवार गुट) शामिल हैं। ऐसे में छगन भुजबल की एंट्री से गठबंधन में एक बार फिर से समीकरण बदल सकते हैं।

संदेश साफ है – अनुभव और जातीय संतुलन दोनों जरूरी

भुजबल की वापसी न केवल उनकी व्यक्तिगत राजनीतिक पुनर्स्थापना है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि महाराष्ट्र सरकार अनुभवी नेताओं को फिर से सक्रिय भूमिका में लाने के लिए तैयार है। साथ ही यह कदम ओबीसी समुदाय को साधने और एनसीपी के भीतर संतुलन बनाए रखने का एक राजनीतिक प्रयास भी है।

अब देखना होगा कि छगन भुजबल को कौन-सा मंत्रालय सौंपा जाता है और वे राज्य सरकार के कामकाज में किस तरह की भूमिका निभाते हैं।

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