CJI Gavai Praise Yogi: मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में नई सुविधाओं का किया उद्घाटन, न्यायपालिका और संविधान की सराहना

 CJI Gavai Praise Yogi: मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में नई सुविधाओं का किया उद्घाटन, न्यायपालिका और संविधान की सराहना

प्रयागराज में शनिवार को भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति बीआर गवई ने इलाहाबाद हाईकोर्ट परिसर में नवनिर्मित अधिवक्ता चैंबर्स और मल्टीलेवल पार्किंग का उद्घाटन किया। इस समारोह को एक ऐतिहासिक अवसर बताते हुए उन्होंने न केवल न्यायपालिका और कार्यपालिका की भूमिकाओं की सराहना की, बल्कि देश के सामाजिक और आर्थिक विकास में संविधान के योगदान को भी विस्तार से रेखांकित किया। उन्होंने इस भव्य परियोजना के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद दिया और उनके प्रशासन की कार्यशैली की खुलकर प्रशंसा की।

मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि देश के अंतिम व्यक्ति तक न्याय पहुंचाना हमारा मूल कर्तव्य है और न्यायपालिका तथा कार्यपालिका ने मिलकर यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि हर नागरिक को समान अधिकार मिले। उन्होंने उल्लेख किया कि भारत में कई ऐसे क्रांतिकारी कानून बनाए गए, जिनके जरिए जमींदारी प्रथा को समाप्त कर ज़मीन उन लोगों को दी गई, जो वास्तव में उसकी खेती करते थे। इसी प्रकार मजदूर और कामकाजी वर्ग को कानूनी ताकत देने वाले कई कानूनों ने भारत को सामाजिक न्याय की ओर अग्रसर किया।

मुख्य न्यायाधीश गवई ने इस बात पर विशेष ध्यान आकर्षित किया कि यह समारोह अहिल्याबाई होल्कर की जयंती के दिन हो रहा है, जो भारत में सामाजिक न्याय और सुधार की प्रतीक रही हैं। उन्होंने इसे एक प्रतीकात्मक और सम्मानजनक संयोग बताते हुए गौरवपूर्ण बताया।

अपने भाषण में उन्होंने डॉ. भीमराव अंबेडकर द्वारा 25 नवंबर 1949 को संविधान सभा में दिए गए अंतिम भाषण को याद करते हुए कहा कि बाबा साहब ने सामाजिक और आर्थिक असमानता को लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया था। उन्होंने कहा कि 75 वर्षों की यात्रा में भारतीय संविधान ने न केवल देश को एकजुट रखा है, बल्कि हर संकट के समय एक मजबूत लोकतंत्र के रूप में उभरने में भी मदद की है। उन्होंने इसे भारत की विशेषता बताया और कहा कि आज जब पड़ोसी देशों में लोकतंत्र कमजोर होता दिखाई दे रहा है, भारत संविधान के मार्गदर्शन में लगातार आगे बढ़ रहा है।

उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों की भी प्रशंसा की, जिन्होंने न केवल इलाहाबाद हाईकोर्ट में अधिवक्ताओं के लिए ऐसी विशाल सुविधा प्रदान की, बल्कि राज्य के अन्य जिलों में भी न्यायिक परिसरों के निर्माण को प्रोत्साहन दिया है। उन्होंने इसे अधिवक्ताओं, न्यायाधीशों, पक्षकारों और आम जनता के लिए न्याय तक पहुंच को आसान और प्रभावी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया।

मुख्य न्यायाधीश ने प्रयागराज को ‘पावरफुल लोगों की भूमि’ बताया और कहा कि यह शहर भारत के न्यायिक, साहित्यिक और स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। उन्होंने मोतीलाल नेहरू, जवाहरलाल नेहरू, तेज बहादुर सप्रू जैसे विधिक विद्वानों और महादेवी वर्मा, हरिवंश राय बच्चन, निराला, सुमित्रानंदन पंत जैसे साहित्यकारों के योगदान को याद किया। इसके साथ ही उन्होंने चंद्रशेखर आजाद जैसे वीर स्वतंत्रता सेनानी को भी नमन किया।

अंत में उन्होंने कहा कि वह देश-विदेश में घूम चुके हैं लेकिन इतनी भव्य, सुव्यवस्थित और सुविधायुक्त इमारत उन्होंने कहीं नहीं देखी। उन्होंने यह भी कहा कि इस इमारत को देखकर देश के अन्य वकील संघों को ईर्ष्या हो सकती है क्योंकि यह सुविधा अपने आप में अद्वितीय है। मुख्य न्यायाधीश ने इसे पूरे देश के नागरिकों को समर्पित किया और आशा जताई कि इससे न्यायिक प्रणाली और अधिक सशक्त होगी।

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