Amarnath Yatra 2025: सीएम उमर अब्दुल्ला का बड़ा बयान: पहलगाम हमले के बावजूद अमरनाथ यात्रा के लिए पूरी तरह तैयार

Amarnath Yatra 2025: सीएम उमर अब्दुल्ला का बड़ा बयान: पहलगाम हमले के बावजूद अमरनाथ यात्रा के लिए पूरी तरह तैयार

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को गुलमर्ग में एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि इस साल की अमरनाथ यात्रा, हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद हमारे लिए कई चुनौतियाँ पेश करेगी, लेकिन सरकार हर हाल में इसके लिए तैयार है। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि तीर्थयात्रियों और पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और सुरक्षा इंतजामों में कोई ढील न दी जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा, “इस साल की अमरनाथ यात्रा लॉ एंड ऑर्डर के दृष्टिकोण से विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण होगी, लेकिन मुझे पूरा भरोसा है कि आपकी मेहनत और समर्पण से हम सभी ज़रूरी इंतज़ाम कर पाएंगे।” उन्होंने एक उर्दू शेर पढ़ते हुए उम्मीद का संदेश दिया —
“दिल ना-उम्मीद तो नहीं, नाकाम ही तो है;
लंबी है ग़म की शाम, मगर शाम ही तो है।”

समीक्षा बैठक में ये मुद्दे उठे:
कैपेक्स कार्य, आपातकालीन तैयारियाँ, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास, पर्यटन, मोबाइल नेटवर्क और एडवेंचर टूरिज्म जैसे क्षेत्रों की समीक्षा हुई।

मेला खीर भवानी, ईद, मुहर्रम और अमरनाथ यात्रा जैसे आगामी धार्मिक आयोजनों की तैयारियों पर विशेष चर्चा हुई।

अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि सुरक्षा व्यवस्था, यातायात प्रबंधन, स्वास्थ्य सेवाएं और संचार नेटवर्क की हर स्तर पर तैयारी की जाए।

उमर अब्दुल्ला ने बताया कि 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले को उन्होंने हाल के वर्षों की सबसे गंभीर घटनाओं में से एक माना है, लेकिन इसे हार मानने का नहीं, बल्कि तैयारी को और सख्त करने का मौका बताया।

गुलमर्ग और पहलगाम पर प्रशासनिक फोकस
मुख्यमंत्री ने बताया कि गुलमर्ग और पहलगाम जैसे टूरिस्ट डेस्टिनेशन पर लगातार उच्च स्तरीय बैठकें करके वह यह संदेश देना चाहते हैं कि कश्मीर अब फिर से सामान्य स्थिति की ओर लौट रहा है।
उन्होंने यह भी बताया कि यह पहली बार है जब जम्मू और श्रीनगर सचिवालयों के बाहर इस तरह की रिव्यू बैठकें हो रही हैं।

केंद्र से अनुरोध
सीएम ने हाल ही में नीति आयोग की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की थी कि गर्मियों में कश्मीर घाटी को केंद्रीय पीएसयू की बोर्ड बैठकों के लिए सुरक्षित स्थल के रूप में अपनाया जाए।
उन्होंने केंद्र से यह भी अनुरोध किया कि पहलगाम हमले के बाद रद्द की गई संसदीय समितियों की बैठकें फिर से शुरू की जाएं। कुछ मंत्रियों ने इस दिशा में सहयोग का भरोसा भी दिलाया है।

टूरिज्म और स्थानीय भरोसे को बढ़ावा
बैठक के बाद उमर अब्दुल्ला ने व्यापारी संगठनों और पर्यटकों से मुलाकात की और कहा कि इस तरह की पहलें स्थानीय लोगों के हौसले को बढ़ाती हैं और पर्यटकों में सुरक्षा का भरोसा जगाती हैं।

अमरनाथ यात्रा का महत्व
हर साल लाखों श्रद्धालु भगवान शिव के दर्शन के लिए अमरनाथ यात्रा करते हैं, जो न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि आर्थिक रूप से भी जम्मू-कश्मीर के लिए अहम है।
सीएम ने स्पष्ट कहा कि कोई चूक बर्दाश्त नहीं की जाएगी और प्रशासन यात्रा को शांतिपूर्ण, सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

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