Delhi Flood Alert: दिल्ली पर मंडराया बाढ़ का खतरा: हथिनीकुंड बैराज से छोड़ा जा रहा लाखों क्यूसेक पानी, यमुना का जलस्तर पार कर गया खतरे का निशान
दिल्ली में बाढ़ का खतरा तेजी से गहराता जा रहा है। हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से लगातार लाखों क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण यमुना का जलस्तर बढ़कर खतरे के निशान को पार कर चुका है। प्रशासन अलर्ट पर है और निचले इलाकों में रह रहे लोगों को सुरक्षित ठिकानों पर शिफ्ट किया जा रहा है।
शनिवार से ही यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ना शुरू हुआ और पुराने रेलवे पुल पर यह 205.52 मीटर तक पहुंच गया, जो 205.33 मीटर के खतरे के स्तर से अधिक है। हथिनीकुंड बैराज से रविवार सुबह 7 बजे 2.72 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, 8 बजे यह बढ़कर 3.11 लाख क्यूसेक हो गया और 9 बजे तक लगभग 3.29 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। यह पानी अगले 48 घंटों में दिल्ली पहुंच जाएगा।
स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 2023 में हथिनीकुंड बैराज से 3.6 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, जिससे राजधानी के कई इलाके डूब गए थे और जीवन अस्त-व्यस्त हो गया था। इस बार भी उसी तरह की आशंका जताई जा रही है। प्रशासन ने मयूर विहार और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के पास निचले इलाकों के लिए अस्थायी टेंट की व्यवस्था की है।
इतिहास पर नजर डालें तो साल 1978 में जब 7 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, तब यमुना का जलस्तर 207.49 मीटर तक पहुंच गया था। 2010 में 7.44 लाख क्यूसेक पानी छोड़ने पर नदी 207.11 मीटर तक पहुंची थी। 2013 में 8.06 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने पर 207.32 मीटर का स्तर दर्ज हुआ। वहीं 2023 में 3.59 लाख क्यूसेक पानी छोड़ने पर यमुना का जलस्तर 208.66 मीटर तक पहुंच गया था।
अधिकारियों का कहना है कि वजीराबाद और हथिनीकुंड बैराज से हर घंटे छोड़े जा रहे पानी के कारण यमुना में तेज़ी से जलस्तर बढ़ रहा है। दिल्ली में चेतावनी स्तर 204.5 मीटर है, खतरे का स्तर 205.3 मीटर और निकासी स्तर 206 मीटर माना जाता है। पुराना रेलवे पुल इस स्थिति पर नजर रखने का अहम बिंदु है।
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे निचले इलाकों से समय पर निकल जाएं और अफवाहों से बचें। राहत और बचाव दल लगातार सक्रिय हैं और केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष हालात की हर पल निगरानी कर रहा है। अगले 48 घंटे दिल्ली के लिए बेहद अहम साबित हो सकते हैं।