Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश में भूकंप के झटके, मंडी जिले में धरती हिली, लोग घरों से बाहर निकले
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में आज सुबह भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए, जिससे इलाके में हलचल मच गई। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, सुबह 9 बजकर 18 मिनट पर आए इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.4 मापी गई। भूकंप का केंद्र मंडी जिले के सुंदरनगर क्षेत्र में स्थित था और इसकी गहराई 5 किलोमीटर थी।
झटके इतने अचानक थे कि कुछ क्षणों के लिए लोगों को समझ ही नहीं आया कि क्या हो रहा है, लेकिन जैसे ही उन्हें अहसास हुआ, कई लोग घबराकर घरों से बाहर निकल आए। हालांकि, भूकंप की तीव्रता कम होने के कारण अधिकतर लोगों ने इसे महसूस नहीं किया और न ही किसी प्रकार के नुकसान की खबर सामने आई है। फिर भी, अचानक आए इस भूकंप ने लोगों के बीच डर का माहौल बना दिया।
हिमाचल प्रदेश के मंडी, शिमला, चंबा, लाहौल स्पीति, कुल्लू, कांगड़ा और किन्नौर जैसे इलाके जोन-5 में आते हैं, जिन्हें भूकंप की दृष्टि से अति संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है। इस वजह से इन इलाकों में अक्सर भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं। यह भूगर्भीय दृष्टिकोण से भी एक गंभीर विषय है, क्योंकि क्षेत्र की भौगोलिक संरचना इसे बार-बार भूकंपीय गतिविधियों के लिए संवेदनशील बनाती है।
भूकंप आने का कारण धरती की अंदरूनी संरचना से जुड़ा होता है। पृथ्वी की ऊपरी सतह कई टेक्टोनिक प्लेट्स से बनी होती है जो निरंतर हिलती-डुलती रहती हैं। ये प्लेट्स जब एक-दूसरे से टकराती हैं या उनके कोने आपस में दब जाते हैं, तो अत्यधिक दबाव के कारण प्लेट्स में दरारें आ जाती हैं। इस दौरान जो ऊर्जा धरती के अंदर संचित होती है, वह बाहर निकलने का रास्ता खोजती है और जब वह सतह तक पहुँचती है, तो उसे हम भूकंप के रूप में महसूस करते हैं।
भले ही आज के झटके मामूली थे, लेकिन यह घटना एक बार फिर हिमाचल के लोगों को यह याद दिला गई कि वे भूकंप के लिहाज से एक संवेदनशील क्षेत्र में रह रहे हैं। विशेषज्ञों की मानें तो ऐसी घटनाएं यह संकेत देती हैं कि भविष्य में बड़े झटकों की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। ऐसे में जरूरी है कि स्थानीय प्रशासन और आम लोग सतर्क रहें और भूकंप से निपटने के लिए आवश्यक तैयारियां हमेशा बनाए रखें।