Greater Noida Building Collapse: ग्रेटर नोएडा में निर्माणाधीन इमारत का लेंटर गिरा, चार मजदूरों की मौत, सात घायल मजदूरों को बचाया गया

Greater Noida Building Collapse: ग्रेटर नोएडा में निर्माणाधीन इमारत का लेंटर गिरा, चार मजदूरों की मौत, सात घायल मजदूरों को बचाया गया

ग्रेटर नोएडा के रबूपुरा क्षेत्र में दर्दनाक हादसा हो गया। नगला हुकम सिंह गांव में निर्माणाधीन इमारत का लेंटर अचानक भरभराकर गिर गया, जिससे मौके पर मौजूद 11 मजदूर मलबे में दब गए। घटना ने पूरे क्षेत्र में दहशत और अफरा-तफरी का माहौल पैदा कर दिया। सूचना मिलने पर पुलिस और रेस्क्यू टीमें तत्काल मौके पर पहुंचीं और राहत-बचाव कार्य शुरू किया।

शुरुआत में पुलिस को बताया गया था कि केवल पांच मजदूर अंदर फंसे हैं, लेकिन जब SDRF और रेस्क्यू टीमें मलबा हटाने में जुटीं, तब पता चला कि कुल 11 मजदूर निर्माणाधीन ढांचे के नीचे दबे हैं। घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद रेस्क्यू टीमों ने चार मजदूरों के शव बाहर निकाले, जबकि सात मजदूरों को जीवित निकालकर इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया। इनमें कुछ मजदूरों की हालत गंभीर बनी हुई है।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, इमारत की तीसरी मंजिल पर शटरिंग हटाई जा रही थी। मजदूर नियमित प्रक्रिया के तहत सपोर्ट स्ट्रक्चर निकाल रहे थे कि अचानक पूरी छत का लेंटर जोरदार आवाज के साथ नीचे गिर पड़ा। प्राथमिक आशंका है कि शटरिंग का सपोर्ट कमजोर था या निर्माण कार्य में सुरक्षा मानकों की अनदेखी की गई थी। हालांकि, असली वजह तकनीकी जांच के बाद ही सामने आएगी।

हादसे के बाद ग्रामीणों और वहां मौजूद लोगों में चीख-पुकार मच गई। भारी मलबा होने के कारण मजदूरों को तुरंत बाहर निकालना मुश्किल हो रहा था। स्थानीय लोगों की मदद से राहत कार्य तो शुरू हुआ, लेकिन मशीनरी के बिना मलबा हटाना संभव नहीं था। मौके पर पहुंची पुलिस, फायर ब्रिगेड और SDRF टीमों ने मिलकर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया और मजदूरों को बाहर निकाला।

घटना के बाद पुलिस ने ठेकेदार, साइट इंजीनियर और निर्माण कार्य से जुड़े अन्य जिम्मेदार लोगों से पूछताछ शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में लापरवाही की आशंका जताई गई है। स्थानीय प्रशासन ने भी निर्माण संबंधी अनुमति, सुरक्षा मानकों और उपयोग किए गए सामग्री की गुणवत्ता की जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि दोषी पाए जाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

यह हादसा एक बार फिर निर्माण क्षेत्र में सुरक्षा उपायों की गंभीर कमी और मजदूरों की जान को होने वाले जोखिम को उजागर करता है। मजदूर संगठन और स्थानीय लोग भी इस घटना के बाद नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं और उद्योगों में बेहतर सुरक्षा मानकों की मांग कर रहे हैं।

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