Gujarat Monsoon Alert: सूरत में 36 घंटे में 400 मिमी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात

Gujarat Monsoon Alert: सूरत में 36 घंटे में 400 मिमी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात

सूरत, 24 जून 2025
गुजरात के औद्योगिक शहर सूरत में बीते 36 घंटों में मूसलधार बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की रिपोर्ट के अनुसार, शहर में अब तक 400 मिलीमीटर से अधिक बारिश दर्ज की गई है, जिससे कई इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है।

सड़कों से लेकर घरों तक पानी ही पानी
सूरत नगर निगम (SMC) और प्रशासन के अनुसार, सोमवार सुबह से लेकर मंगलवार शाम 6 बजे तक 346 मिमी बारिश हुई, जिसके बाद अगले 12 घंटों में 66 मिमी और बारिश दर्ज की गई। इस मूसलधार बारिश ने शहर की सड़कों, अंडरपास और निचले इलाकों को पानी में डुबो दिया।
स्थिति इतनी भयावह हो गई कि कुछ जगहों पर लोगों को आवाजाही के लिए ट्रैक्टर और नौकाओं का सहारा लेना पड़ा। कई आवासीय इलाकों में घुटनों तक पानी भर गया है, जिससे लोगों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है।

प्रशासन सक्रिय, राहत कार्य जारी
सूरत की नगर आयुक्त शालिनी अग्रवाल ने बताया कि SMC की टीमें रात भर जलनिकासी और सफाई अभियान में लगी रही हैं। जिन इलाकों में पानी भराव का खतरा था, वहां से लोगों को पहले ही निकाला गया है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (SEOC) के मुताबिक, मंगलवार सुबह 6 बजे से ही शहर में करीब 2.6 इंच बारिश दर्ज की गई थी। लगातार बारिश के चलते ताप्ती नदी का जलस्तर भी बढ़ गया है, जिससे कई गांवों और निचले इलाकों में जलभराव और बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं।

IMD का अलर्ट जारी: अगले 7 दिन भारी
भारतीय मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि सूरत समेत दाहोद, महिसागर, वडोदरा, नर्मदा, भरूच, नवसारी और वलसाड जिलों में अत्यधिक भारी बारिश हो सकती है। बुधवार को भी कई क्षेत्रों में ‘रेड अलर्ट’ जारी किया गया है।
आने वाले एक सप्ताह तक गुजरात के विभिन्न हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है, जिससे प्रशासन को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।

जनता की मुश्किलें बढ़ीं
शहर के प्रमुख अंडरपास और मुख्य सड़कें जलमग्न हैं, जिससे यातायात ठप पड़ गया है। स्कूली बच्चों, कार्यालय कर्मचारियों और मरीजों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। कई बसें और वाहन जलजमाव में फंस गए हैं।
पेयजल आपूर्ति और बिजली सप्लाई पर भी असर पड़ा है। नगर निगम ने संवेदनशील इलाकों में स्वास्थ्य निगरानी बढ़ा दी है ताकि पानी से फैलने वाली बीमारियों को रोका जा सके।

प्रशासन की अपील
नगर निगम और जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि जब तक बेहद जरूरी न हो, घर से बाहर न निकलें और प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें। आपात स्थिति में हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क करने को कहा गया है।

यह आपदा राज्य के लिए एक बार फिर मानसून प्रबंधन और शहरी जल निकासी की कमज़ोरियों की ओर संकेत कर रही है। सूरत जैसे तेज़ी से बढ़ते शहर में यह एक चेतावनी है कि जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभाव के बीच, नगर नियोजन को और अधिक मज़बूती से लागू करने की आवश्यकता है।

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