Ram Navami 2025 : रामनवमी पर बंगाल में हाई अलर्ट, सुरक्षा सख्त, सियासी पारा चढ़ा
पश्चिम बंगाल में आगामी 6 अप्रैल को रामनवमी के अवसर पर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन ने कमर कस ली है। राज्य में इस बार रामनवमी न केवल एक धार्मिक पर्व बन गया है, बल्कि राजनीतिक बयानबाज़ी और प्रशासनिक चौकसी का केंद्र भी बन गया है। हिंदू संगठनों को हाईकोर्ट द्वारा शर्तों के साथ जुलूस निकालने की अनुमति देने के बाद राज्य सरकार ने प्रदेशभर की सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य के सभी समुदायों से अपील की है कि वे किसी भी तरह की अफवाहों से दूर रहें और शांति बनाए रखें। वहीं, विपक्षी भाजपा ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार जानबूझकर रामनवमी के आयोजनों को नियंत्रित करना चाहती है। भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया है कि इस बार डेढ़ करोड़ हिंदू रामनवमी के अवसर पर अपने घरों से निकलेंगे और हजारों की संख्या में जुलूसों में भाग लेंगे। अधिकारी ने यह भी ऐलान किया कि नंदीग्राम में अयोध्या की तर्ज पर राममंदिर का निर्माण शुरू किया जाएगा, जिसकी आधारशिला रामनवमी के दिन रखी जाएगी।
राज्य सरकार ने सुरक्षा व्यवस्था के तहत संवेदनशील क्षेत्रों में 29 आईपीएस अधिकारियों की तैनाती की है। राजधानी कोलकाता में पांच हजार से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए जा चुके हैं। इसके अलावा राज्य के प्रमुख जिलों—मुर्शिदाबाद, हावड़ा, पश्चिमी मेदिनीपुर, उत्तर और दक्षिण 24 परगना, अलीपुरद्वार और कूचबिहार—में अतिरिक्त पुलिस बल और रैपिड एक्शन फोर्स की तैनाती की गई है। सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए प्रशासन ने रैलियों की निगरानी के लिए ड्रोन का उपयोग करने की योजना भी बनाई है और हर कार्यक्रम की वीडियो रिकॉर्डिंग अनिवार्य की गई है।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के अनुसार, खुफिया एजेंसियों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, कुछ तत्व रामनवमी की आड़ में प्रदेश में अशांति फैलाने की साजिश रच रहे हैं। इसी कारण पुलिस बलों को अत्यधिक सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। एक केंद्रीय कंट्रोल रूम भी स्थापित किया गया है जहां से पूरे राज्य की निगरानी की जाएगी और किसी भी आपात स्थिति में तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
पिछले दो वर्षों के अनुभव भी प्रशासन की चिंता को बढ़ाते हैं। वर्ष 2023 में हुगली और हावड़ा में रामनवमी जुलूसों के दौरान पत्थरबाज़ी और हिंसा की घटनाएं हुई थीं, जिनमें तीन लोगों की मौत हो गई थी। इसी पृष्ठभूमि को ध्यान में रखते हुए इस बार राज्य सरकार किसी भी तरह की चूक नहीं चाहती।
राजनीतिक माहौल भी लगातार गर्म हो रहा है। भाजपा ने चेतावनी दी है कि अगर किसी भी रामनवमी जुलूस पर हमला हुआ या उसे रोका गया, तो पार्टी सड़कों पर उतरकर विरोध दर्ज कराएगी। ममता सरकार पर हिंदू विरोधी रवैये का आरोप लगाते हुए भाजपा लगातार आक्रामक रुख अपनाए हुए है।
रामनवमी को लेकर केवल बंगाल ही नहीं, अन्य राज्य भी सतर्क हो गए हैं। महाराष्ट्र सरकार ने भी राज्य पुलिस को निर्देश जारी किए हैं कि रामनवमी के अवसर पर कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूरी मुस्तैदी के साथ ड्यूटी करें। सभी शहर पुलिस यूनिट कमांडरों और पुलिस अधीक्षकों को विशेष चौकसी बरतने का आदेश दिया गया है।
झारखंड में भी रामनवमी की तैयारियों को लेकर संवेदनशीलता दिखाई दी है। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड सरकार और उसकी बिजली वितरण कंपनी को शोभायात्राओं के मार्ग पर बिजली आपूर्ति अस्थायी रूप से रोकने की अनुमति दी है, ताकि जुलूस के दौरान बिजली से जुड़ी किसी दुर्घटना की आशंका को टाला जा सके। यह निर्णय उस अपील के बाद आया है जिसमें राज्य सरकार ने झारखंड हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने बिजली कंपनी को निर्देश दिया है कि वह हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल करे और यह सुनिश्चित करे कि बिजली की आपूर्ति केवल न्यूनतम स्तर पर काटी जाए और किसी भी क्षेत्र में अकारण बाधा न बने।
इस पूरे घटनाक्रम से स्पष्ट है कि रामनवमी इस बार सिर्फ धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि प्रशासनिक सजगता, राजनीतिक संघर्ष और सांप्रदायिक संतुलन की अग्निपरीक्षा बन गई है। बंगाल सहित कई राज्यों की सरकारों की परीक्षा अब इस बात पर टिकी है कि वे कैसे एक संवेदनशील पर्व को शांति और सौहार्द के साथ संपन्न करवा पाती हैं।