Himachal Rain Havoc: हिमाचल में बारिश का कहर, 11 की मौत, 340 से अधिक मौतें इस सीजन में
हिमाचल प्रदेश में बारिश ने कहर बरपाया है। बीते तीन दिनों में हुई रिकॉर्ड तोड़ बारिश ने पूरे प्रदेश में तबाही मचा दी है। शिमला, मंडी, कुल्लू, किन्नौर और सिरमौर सहित कई जिलों में भूस्खलन से घर जमींदोज हो गए, बसें और सड़कें मलबे में दब गईं, और हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना पड़ा। अब तक केवल ताज़ा घटनाओं में 11 लोगों की मौत दर्ज की गई है, जबकि पूरे मानसून सीजन में मृतकों की संख्या 340 तक पहुंच गई है।
शिमला जिले के रामपुर बीथल के पास चलती बस पर पत्थर गिरने से दो महिलाओं की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 15 यात्री घायल हुए। कुल्लू जिले के अखाड़ा बाजार में देर रात भूस्खलन के कारण दो मकान धराशायी हो गए, जिसमें दो लोग दब गए। मंडी जिले के सुंदरनगर क्षेत्र में भूस्खलन की चपेट में आने से दो मकानों में सात लोगों की जान चली गई, जिनमें चार एक ही परिवार के सदस्य थे।
मंडी के जोगेंद्रनगर के कुंडुनी गांव में पहाड़ दरकने से 10 लोग दब गए। यहां छह से अधिक मकान गिरने के कगार पर हैं। प्रशासन ने गांव खाली कराते हुए 24 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। शिमला के कृष्णानगर क्षेत्र सहित शहर के अनाडेल और पटयोग इलाकों में भी मकानों को खाली करवाया गया है।
पिछले 72 घंटों में हिमाचल प्रदेश में औसत से 534 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई है। बिलासपुर में सामान्य से 1007 प्रतिशत, कुल्लू में 1035 प्रतिशत और सोलन में 1005 प्रतिशत अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई है। शिमला में 766, सिरमौर में 792, लाहौल स्पीति में 668 और ऊना में 543 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। सामान्यत: सितंबर के शुरुआती तीन दिनों में जहां 16.4 मिलीमीटर बारिश होती है, वहीं इस बार 104 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार अब तक 917 मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, जिनमें 387 पक्के और 530 कच्चे मकान शामिल हैं। इसके अलावा 1063 पक्के और 2517 कच्चे मकानों को आंशिक नुकसान पहुंचा है। भारी बारिश से दर्जनों गौशालाओं, दुकानों और पुलों को भी क्षति हुई है।
प्रदेश में सड़कों की स्थिति सबसे गंभीर बनी हुई है। फिलहाल पांच नेशनल हाईवे और 1359 सड़कें यातायात के लिए बंद पड़ी हैं। मंडी जिले में 294, शिमला में 234, चंबा में 204, सिरमौर में 121 और कुल्लू में 48 सड़कें पूरी तरह अवरुद्ध हैं।
बारिश से उफान पर आई नदियों और नालों ने खतरे को और बढ़ा दिया है। प्रशासन लगातार राहत और बचाव कार्यों में जुटा है और जनता को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।