Kawardha Road Accident: कवर्धा में दिल दहला देने वाला सड़क हादसा: नींद में ट्रक चलाते ड्राइवर की लापरवाही ने छीनी 5 मजदूरों की जान
छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले से एक दर्दनाक सड़क दुर्घटना की खबर सामने आई है, जिसने पूरे क्षेत्र को शोक में डुबो दिया है। यह भीषण हादसा शुक्रवार सुबह करीब 7 बजे कुकदुर थाना क्षेत्र के आगरपानी घाट पर हुआ, जब एक बोरिंग मशीन से लदा ट्रक गहरी खाई में गिर गया। ट्रक में कुल नौ मजदूर सवार थे, जिनमें से पांच की जान चली गई और चार अन्य गंभीर रूप से घायल हैं। हादसे की वजह ड्राइवर को आई झपकी बताई जा रही है।
जानकारी के अनुसार, ट्रक मध्यप्रदेश के शहडोल से छत्तीसगढ़ के पंडरिया की ओर जा रहा था। इसमें ट्यूबवेल बोरिंग का सामान लदा हुआ था और साथ ही नौ मजदूर भी सवार थे, जो विभिन्न स्थानों से काम के लिए लाए गए थे। जब ट्रक आगरपानी घाटी के पास पहुंचा, तो चालक को अचानक नींद की झपकी आ गई। इसके कारण वाहन अनियंत्रित हो गया और सड़क से फिसलकर सीधे खाई में जा गिरा।
हादसे के बाद घटनास्थल पर अफरा-तफरी मच गई। तीन मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि छह गंभीर रूप से घायल मजदूरों को तत्काल पुलिस और स्थानीय लोगों की मदद से रेस्क्यू कर कवर्धा जिला अस्पताल पहुंचाया गया। दुर्भाग्यवश, इलाज के दौरान दो और मजदूरों ने दम तोड़ दिया, जिससे मृतकों की कुल संख्या पांच हो गई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मृतक मजदूरों में कुछ जशपुर (छत्तीसगढ़) और कुछ तमिलनाडु से थे। यह तथ्य हादसे को और भी गंभीर बनाता है, क्योंकि ये सभी मजदूर अपनी आजीविका की तलाश में सैकड़ों किलोमीटर दूर आए थे।
घटना की सूचना मिलते ही कुकदुर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और घायलों का इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है। डॉक्टरों के अनुसार, कुछ घायलों की हालत अभी भी चिंताजनक बनी हुई है।
पुलिस ने हादसे की जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि नींद में ट्रक चलाने के अलावा, खराब सड़क की हालत और वाहन की तेज रफ्तार भी इस हादसे के पीछे की बड़ी वजह रही है। पुलिस यह भी देख रही है कि क्या ट्रक के तकनीकी हालात और ओवरलोडिंग ने दुर्घटना को और गंभीर बनाया।
यह घटना सिर्फ एक सड़क दुर्घटना नहीं, बल्कि एक चेतावनी है—एक ऐसा उदाहरण जो बताता है कि सड़क सुरक्षा, वाहन की स्थिति और चालक की सतर्कता कितनी जरूरी है, खासकर जब जानें दांव पर हों। हादसे में जान गंवाने वाले मजदूरों के परिजनों के लिए यह अपूरणीय क्षति है। स्थानीय प्रशासन और राज्य सरकार से मुआवजे की मांग की जा रही है।
इस घटना ने एक बार फिर इस सवाल को सामने लाकर खड़ा कर दिया है कि क्या हमारे राजमार्ग और घाटी क्षेत्रों में यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त इंतजाम हैं या नहीं। साथ ही, चालक के प्रशिक्षण और उनकी शारीरिक स्थिति की नियमित जांच जैसे मुद्दों को भी गंभीरता से लेने की आवश्यकता है।
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