Khajuraho Food Poisoning Case: खजुराहो रिसॉर्ट में जहरीला भोजन, 3 की मौत, 6 गंभीर, जांच के लिए नमूने सील
मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के विश्वप्रसिद्ध पर्यटन स्थल खजुराहो में एक दर्दनाक घटना सामने आई है, जहां फूड पॉइजनिंग के गंभीर मामले में तीन लोगों की मौत हो गई और छह कर्मचारियों की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है। मामला खजुराहो के गौतमा रिसॉर्ट का है, जहां रविवार देर शाम कर्मचारियों ने भोजन किया था। खाना खाते ही उनकी तबीयत अचानक खराब होने लगी और कुछ ही मिनटों में उलटी, बेचैनी, पेट दर्द, सिरदर्द और चक्कर आने जैसे लक्षण तेजी से दिखाई देने लगे। स्थिति बिगड़ती देख अन्य कर्मचारियों ने तुरंत सभी को खजुराहो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया, जहां से हालत अत्यधिक गंभीर होने पर उन्हें छतरपुर जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया।
जिला अस्पताल प्रशासन ने पुष्टि की कि उपचार के दौरान तीन कर्मचारियों—प्रागीलाल कुशवाहा, गिरजा रजक और रामस्वरूप कुशवाहा—की मौत हो गई। बाकी छह लोगों का इलाज जारी है, जिनमें से कुछ की हालत बेहद नाजुक बताई जा रही है। इनमें से दो मरीजों को बेहतर चिकित्सा के लिए ग्वालियर मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आर.पी. गुप्ता के अनुसार, कुल नौ लोग फूड पॉइजनिंग के लक्षणों के साथ अस्पताल पहुंचे थे। सूचना मिलते ही स्वास्थ्य विभाग और खाद्य सुरक्षा विभाग की संयुक्त टीम गौतमा रिसॉर्ट पहुंची, जहां रसोई में तैयार भोजन और उपयोग किए गए पानी के सैंपल लिए गए और फोरेंसिक जांच के लिए भेजे गए। पुलिस ने एहतियात के तौर पर रिसॉर्ट परिसर के उस क्षेत्र को सील कर दिया है, जहां कर्मचारी रह रहे थे।
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि जांच पूरी होने के बाद ही यह स्पष्ट हो सकेगा कि भोजन में मिलावट की गई थी, खाद्य पदार्थ खराब थे या पानी में किसी प्रकार का संक्रमण था। रिसॉर्ट प्रबंधन से पूछताछ जारी है और कर्मचारियों के बयान भी दर्ज किए जा रहे हैं। इस दुखद घटना ने स्थानीय लोगों में भय और आक्रोश दोनों पैदा किया है, क्योंकि खजुराहो एक प्रमुख पर्यटन केंद्र है और इस तरह की घटना यहां की सुरक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
स्थानीय प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और अगर लापरवाही पाई गई तो रिसॉर्ट का संचालन अनुमति भी रद्द की जा सकती है। मृतकों के परिजनों को उचित सहायता और मुआवजा देने पर भी विचार किया जा रहा है। घटनास्थल पर बड़ी संख्या में ग्रामीण और कर्मचारी एकत्र हैं, जबकि प्रशासनिक और चिकित्सा टीमें हालात पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।