Murshidabad: मुर्शिदाबाद दौरे पर ममता बनर्जी, हिंसा के बीच विपक्ष ने उठाए सवाल—भाजपा बोली, अब क्यों जागी सरकार?
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सोमवार को दो दिवसीय दौरे पर हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद पहुंचीं, जहां उन्होंने जिले में हालिया अशांति के बाद स्थिति का जायजा लेने की बात कही। ममता ने रवाना होने से पहले बयान दिया कि अब जब जिले में “शांति और स्थिरता” वापस आ चुकी है, तब वह वहां जाकर प्रशासनिक व्यवस्था और स्थानीय हालात की निगरानी करेंगी।
हालांकि मुख्यमंत्री के इस दौरे पर विपक्ष, खासकर भाजपा, ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा नेता दिलीप घोष ने ममता बनर्जी के दौरे को ‘देर से जागने’ की नीति करार देते हुए कहा, “मुख्यमंत्री को पहले ही मुर्शिदाबाद जाना चाहिए था। लेकिन वे अब तब जा रही हैं जब हिंसा के सारे निशान मिट चुके हैं।” घोष ने यह भी आरोप लगाया कि “मुर्शिदाबाद में हिंदुओं पर बार-बार हमले होते हैं, उनकी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया जाता है, मगर मुख्यमंत्री ने कभी इस पर खुलकर कुछ नहीं कहा।”
दिलीप घोष ने मुख्यमंत्री की नीयत पर सवाल उठाते हुए दावा किया कि यह दौरा केवल राजनीतिक दबाव के कारण है और इसका उद्देश्य विपक्ष के आरोपों को धुंधला करना है। उन्होंने कहा कि सरकार ने शुरुआती चरण में न तो हिंसा को रोकने में तत्परता दिखाई, न ही पीड़ितों के साथ समय रहते संवाद स्थापित किया।
इस बीच ममता बनर्जी ने राज्यपाल सीवी आनंद बोस द्वारा हालिया हिंसा पर भेजी गई रिपोर्ट पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “मुझे उस रिपोर्ट की जानकारी नहीं है और मुझे नहीं लगता कि राज्य में राष्ट्रपति शासन जैसा कोई मुद्दा उठाया जा रहा है।” ममता ने विपक्ष पर अफवाहें फैलाने और राज्य में शांति भंग करने का आरोप लगाया।
राज्य में हाल ही में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद मुर्शिदाबाद सुर्खियों में रहा है। जिले में संपत्ति जलाए जाने, पथराव और कई इलाकों में तनाव की घटनाएं सामने आई थीं, जिसके बाद वहां कड़ी सुरक्षा तैनात कर दी गई थी। मुख्यमंत्री के इस दौरे को स्थानीय प्रशासन और राजनीतिक हलकों में बेहद अहम माना जा रहा है, क्योंकि विपक्ष लंबे समय से उन पर चुप्पी साधने और जमीनी हालात से दूर रहने का आरोप लगाता रहा है।
अब देखना यह होगा कि ममता बनर्जी का यह दौरा केवल एक प्रतीकात्मक राजनीतिक पहल साबित होता है या वास्तव में स्थानीय लोगों को राहत पहुंचाने और प्रशासनिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में कोई ठोस कार्रवाई होती है। दौरे के दौरान मुख्यमंत्री के पीड़ित परिवारों से मिलने और जिले में शांति बहाल करने के लिए निर्देश देने की संभावना है।