OTT Ban India: उल्लू, देसीफ्लिक्स, ALTT समेत अश्लील कंटेंट वाले OTT ऐप्स पर मोदी सरकार का बड़ा एक्शन
मोदी सरकार ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की आज़ादी का मतलब अनियंत्रित अश्लीलता नहीं हो सकता। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने बड़ा कदम उठाते हुए उल्लू, देसीफ्लिक्स, ALTT और बिग शॉट्स जैसे ओटीटी ऐप्स को बैन कर दिया है। इन ऐप्स पर आरोप था कि वे सॉफ्ट पोर्न या अश्लील कंटेंट परोस रहे थे, जो भारतीय कानूनों और सामाजिक मूल्यों के खिलाफ है।
क्या था मामला?
इन ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर बीते कुछ समय से अश्लील वेब सीरीज़ और वीडियो सामग्री परोसी जा रही थी, जिन्हें लेकर सोशल मीडिया और आम दर्शकों के बीच विरोध की लहर थी। कई यूजर्स ने शिकायत की थी कि इन ऐप्स का कंटेंट युवाओं, खासकर किशोरों को मानसिक रूप से नुकसान पहुंचा रहा है और उन्हें गलत दिशा में प्रेरित कर रहा है।
आईटी एक्ट 2000 की धारा 67 और 67A, भारतीय न्याय संहिता की धारा 294, साथ ही महिलाओं का अश्लील प्रतिनिधित्व अधिनियम 1986 की धारा 4 का उल्लंघन करने के लिए इन प्लेटफॉर्म्स को दोषी पाया गया। जांच में यह साबित हुआ कि ये प्लेटफॉर्म्स अश्लील और आपत्तिजनक सामग्री के जरिए डिजिटल स्पेस का दुरुपयोग कर रहे थे।
सरकार की कार्रवाई
सूचना व प्रसारण मंत्रालय ने इन ऐप्स को Google Play Store और Apple App Store से हटाने का आदेश जारी किया। इसके साथ ही इनकी वेबसाइट्स और सोशल मीडिया अकाउंट्स पर भी निगरानी बढ़ा दी गई है। मंत्रालय ने साफ किया कि मनोरंजन के नाम पर समाज को गलत दिशा में ले जाने वाले कंटेंट की अब कोई जगह नहीं है और ऐसे मामलों में “जीरो टॉलरेंस” की नीति अपनाई जाएगी।
समाज से मिला समर्थन
सरकार के इस फैसले को सोशल मीडिया पर व्यापक समर्थन मिला है। अभिभावकों, महिला संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि यह बच्चों और युवाओं की मानसिक सुरक्षा के लिए एक जरूरी कदम है। कई लोगों ने मांग की कि भविष्य में इस तरह के अन्य प्लेटफॉर्म्स पर भी सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
आगे की रणनीति
सरकार अब बाकी बचे ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर भी सख्त नजर रखेगी। एक मजबूत और स्पष्ट कानूनी ढांचा तैयार किया जा रहा है, जिसमें डिजिटल सामग्री के मानकों को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया जाएगा। सरकार का लक्ष्य है कि मनोरंजन के नाम पर परोसी जा रही अश्लीलता और गैर-जिम्मेदाराना कंटेंट पर लगाम लगे, ताकि डिजिटल स्पेस सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए सुरक्षित और मर्यादित बना रहे।
यह कदम दिखाता है कि मोदी सरकार डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को पूरी स्वतंत्रता तो देना चाहती है, लेकिन उसके साथ जिम्मेदारी भी अनिवार्य है। यह एक मजबूत संदेश है कि कानून और संस्कृति की सीमा लांघने वाले किसी भी डिजिटल माध्यम को अब बख्शा नहीं जाएगा।