मुंबई: पानी की टंकी साफ करते समय दम घुटने से 4 मजदूरों की मौत, 1 की हालत गंभीर

मुंबई: पानी की टंकी साफ करते समय दम घुटने से 4 मजदूरों की मौत, 1 की हालत गंभीर

दक्षिण मुंबई के नागपाड़ा इलाके में एक निर्माणाधीन इमारत में सफाई के दौरान दर्दनाक हादसा हो गया, जिसमें चार मजदूरों की दम घुटने से मौत हो गई, जबकि एक अन्य मजदूर को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। रविवार दोपहर करीब 12:30 बजे, बिस्मिल्लाह स्पेस बिल्डिंग में पांच मजदूरों को पानी की टंकी साफ करने के लिए भेजा गया था। टंकी के अंदर जाते ही मजदूरों को सांस लेने में दिक्कत होने लगी, जिससे वे अचानक बेहोश हो गए।

सूचना मिलते ही अग्निशमन विभाग और पुलिस मौके पर पहुंची और तुरंत सभी मजदूरों को निकालकर जेजे अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल में डॉक्टरों ने चार मजदूरों को मृत घोषित कर दिया, जबकि एक मजदूर का इलाज जारी है। प्रारंभिक जांच में संभावना जताई जा रही है कि पानी की टंकी में जहरीली गैस बनी हुई थी या अंदर ऑक्सीजन की कमी थी, जिसके कारण मजदूरों का दम घुट गया। बिना किसी सुरक्षा उपकरण के मजदूरों को टंकी के अंदर भेजा गया था, जिससे यह हादसा हुआ।

मुंबई पुलिस ने इस घटना की जांच शुरू कर दी है। ठेकेदार और इमारत के मालिक से पूछताछ की जा रही है कि क्या मजदूरों के लिए सुरक्षा मानकों का पालन किया गया था या नहीं। अधिकारियों के अनुसार, यह एक निजी निर्माणाधीन इमारत थी और मजदूर निजी ठेकेदार के अधीन कार्यरत थे। टंकी में उतरने से पहले सुरक्षा उपकरण उपलब्ध नहीं कराए गए थे। दम घुटने की सटीक वजह जानने के लिए फॉरेंसिक जांच की जा रही है।

हादसे के बाद स्थानीय लोग प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लगा रहे हैं। मृतकों के परिवारों ने ठेकेदार और बिल्डिंग प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की है। मुंबई नगर निगम (BMC) के एक अधिकारी ने कहा, “यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। हमें जांच करनी होगी कि क्या मजदूरों के लिए सेफ्टी गियर उपलब्ध था या नहीं। हम इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाएंगे।”

मुंबई और अन्य शहरों में सीवर, पानी की टंकी और अन्य बंद जगहों में सफाई के दौरान दम घुटने की घटनाएं पहले भी सामने आ चुकी हैं। अक्सर मजदूरों को बिना किसी सुरक्षा उपकरण के ऐसे खतरनाक कामों में भेज दिया जाता है, जिससे उनकी जान चली जाती है। मजदूर संघों ने इस घटना पर गहरी नाराजगी जाहिर की है और मृतक मजदूरों के परिवारों को मुआवजा देने की मांग की है। साथ ही, मांग की जा रही है कि भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए कठोर नियम लागू किए जाएं।

यह हादसा एक बार फिर दर्शाता है कि सुरक्षा उपायों की अनदेखी मजदूरों की जान पर भारी पड़ सकती है। प्रशासन को चाहिए कि वह निर्माण स्थलों पर सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करे, ताकि इस तरह के दर्दनाक हादसे रोके जा सकें। फिलहाल, पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आगे की जांच जारी है।

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