COVID19 Asia Surge: कोविड-19 का नया खतरा: एशिया में फिर बढ़ रहे केस, JN1 वेरिएंट बना चिंता का कारण

COVID19 Asia Surge: कोविड-19 का नया खतरा: एशिया में फिर बढ़ रहे केस, JN1 वेरिएंट बना चिंता का कारण

एशिया के कई देशों में कोरोना वायरस के मामलों में फिर से बढ़ोतरी देखने को मिल रही है, जिससे एक बार फिर कोविड-19 के पुराने भयावह दौर की याद ताजा हो गई है। लॉकडाउन, मास्क, वैक्सीन और रेमडेसिविर जैसे शब्द हमारे कानों में गूंजने लगे हैं, जैसे कि यह महामारी लौट आई हो। सिंगापुर, हॉन्गकॉन्ग, चीन, थाईलैंड और अन्य एशियाई देशों में कोविड के नए मामले बढ़ रहे हैं, जिनमें कोरोना के ओमिक्रोन वेरिएंट JN1 और उसके सब-वेरिएंट्स LF7, NB1.8 को जिम्मेदार माना जा रहा है।

सिंगापुर में मई की शुरुआत से कोविड के मामले तेजी से बढ़े हैं। अप्रैल के अंत में जहां रोजाना लगभग 11,000 नए केस आ रहे थे, वहीं अब यह संख्या 14,000 से भी ऊपर पहुंच गई है, जो करीब 28% की बढ़ोतरी दर्शाता है। अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या भी 30% तक बढ़ गई है, हालांकि गंभीर मरीजों की संख्या कम होने की खबर है। विशेषज्ञ इस नए वेरिएंट की गंभीरता और प्रसार की गति पर नजर रखे हुए हैं, हालांकि अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि यह पहले के वेरिएंट्स से ज्यादा खतरनाक या तेजी से फैलने वाला है।

चीन और थाईलैंड समेत कई अन्य देशों ने भी अलर्ट जारी कर लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। चीन में कोविड के बूस्टर शॉट्स लगवाने पर जोर दिया जा रहा है क्योंकि वहां की स्वास्थ्य एजेंसियां चेतावनी दे रही हैं कि कोविड की नई लहर जल्द तेज हो सकती है। वहीं भारत समेत कई अन्य देशों में भी इस नए वेरिएंट के फैलाव को लेकर सतर्कता बढ़ा दी गई है।

भारत के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने बताया है कि 19 मई तक देश में कोविड के सक्रिय मामले केवल 93 हैं और स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है। मंत्रालय लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में भी कोरोना के मामलों में तेजी आ सकती है, खासकर क्योंकि लोगों की प्रतिरक्षा प्रणाली पहले से कमजोर हो चुकी है।

JN1 वेरिएंट, ओमिक्रोन के BA2.86 स्ट्रेन का एक रूप है, जिसे पहली बार अगस्त 2023 में पाया गया था। दिसंबर 2023 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे ‘वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ घोषित किया। इसमें करीब 30 म्यूटेशन्स पाए गए हैं जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर सकते हैं। जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट के अनुसार, JN1 पुराने वेरिएंट्स की तुलना में तेजी से फैलता है लेकिन गंभीरता कम है। यह वेरिएंट कई देशों में सबसे आम रूप में पाया जा रहा है।

येल मेडिसिन के अनुसार, JN1 वेरिएंट और BA.2.86 वेरिएंट में मुख्य अंतर JN1 के स्पाइक प्रोटीन में एक खास म्यूटेशन है, जो वायरस को शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता से बचने में सक्षम बनाता है। हालांकि, इस बदलाव से लक्षणों में बड़ा अंतर देखने को नहीं मिला है।

JN1 वेरिएंट के लक्षण सामान्य कोविड-19 के समान हैं, जिनमें गले में खराश, बुखार, नाक बहना या बंद होना, सूखी खांसी, थकान, सिरदर्द और स्वाद या गंध का न आना शामिल है। कुछ मामलों में लक्षण अधिक थकावट और कमजोरी भी ला सकते हैं। ये लक्षण कुछ दिनों से लेकर हफ्तों तक रह सकते हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में कोरोना के बढ़ते मामलों के पीछे कमजोर होती प्रतिरक्षा प्रणाली प्रमुख कारण हो सकती है। चीन और हांगकांग में भी इसी वजह से तेजी से संक्रमण बढ़ा था। भारत में पहले वैक्सीनेशन का अच्छा कवरेज था, लेकिन समय के साथ प्रतिरक्षा कमजोर हुई है जिससे संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है। विशेषज्ञों की चिंता यह भी है कि दक्षिण-पूर्व एशिया में गर्मी के मौसम में कोविड का तेजी से फैलना असामान्य है क्योंकि सामान्यतः इस मौसम में सांस से जुड़ी बीमारियां कम फैलती हैं।

कोविड-19 का पहला मामला भारत में जनवरी 2020 में आया था। मार्च 2020 में देशव्यापी लॉकडाउन लागू किया गया था। दूसरी लहर बहुत घातक रही, खासकर डेल्टा वेरिएंट के कारण, जब 2021 में मामलों और मौतों की संख्या सबसे अधिक हुई थी। अब एक बार फिर कोविड के इस नए वेरिएंट के खतरे के बीच स्वास्थ्य विभाग सतर्क है और लोगों से एहतियात बरतने की अपील कर रहा है।

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