Operation Sindoor : ऑपरेशन सिंदूर टिप्पणी मामला: प्रोफेसर अली खान को सुप्रीम कोर्ट से राहत, मिली अंतरिम जमानत
अशोका यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर पर की गई कथित आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर गिरफ्तारी के बाद प्रोफेसर को सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अंतरिम जमानत दे दी। कोर्ट ने कहा कि मामले की पूरी सुनवाई लंबित है, लेकिन तब तक प्रोफेसर को हिरासत में रखना जरूरी नहीं।
अली खान महमूदाबाद ने गिरफ्तारी को बताया था गलत
सोनीपत पुलिस द्वारा की गई गिरफ्तारी के खिलाफ अली खान ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने अपनी याचिका में दावा किया कि उनकी पोस्ट देशभक्ति से जुड़ी थी, न कि राष्ट्रविरोधी। वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायमूर्ति आगस्टिन जॉर्ज मसीह की पीठ के सामने याचिका का उल्लेख करते हुए कहा कि “उन्हें देशभक्ति दिखाने पर गिरफ्तार किया गया है।”
गिरफ्तारी के खिलाफ हो रहा विरोध
प्रोफेसर की गिरफ्तारी के खिलाफ सोशल मीडिया पर भी जबरदस्त प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। 1,100 से अधिक लोगों ने एक याचिका पर हस्ताक्षर कर उनकी रिहाई की मांग की थी, जो अब सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत की गई। देशभर के बुद्धिजीवियों, शिक्षाविदों और छात्र संगठनों ने भी उनकी रिहाई की मांग की।
राजनीतिक प्रतिक्रिया भी सामने आई
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रोफेसर की गिरफ्तारी को “दुर्भाग्यपूर्ण” बताया। वहीं, भाजपा के पूर्व सांसद रितेश पांडेय ने भी इसे अस्वीकार्य करार दिया। दूसरी ओर, हरियाणा राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रेनू भाटिया ने प्रोफेसर के खिलाफ कार्रवाई को उचित बताया और कहा कि “जो भी देश की बेटियों के नाम पर गद्दारी करेगा, उस पर कार्रवाई जारी रहेगी।”
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और कानूनी प्रक्रिया की जीत के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि, इस मामले पर अंतिम निर्णय आना अभी बाकी है।