Pope Francis: पोप फ्रांसिस के निधन पर प्रधानमंत्री मोदी ने जताया गहरा शोक, कहा—उनकी आत्मा को ईश्वर की गोद में शांति मिले

Pope Francis: पोप फ्रांसिस के निधन पर प्रधानमंत्री मोदी ने जताया गहरा शोक, कहा—उनकी आत्मा को ईश्वर की गोद में शांति मिले

पूरे विश्व में आध्यात्मिक करुणा और विनम्रता के प्रतीक माने जाने वाले पोप फ्रांसिस का आज सुबह निधन हो गया। इस दुखद समाचार के बाद वैश्विक स्तर पर शोक की लहर दौड़ गई है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया और उनके साथ हुई मुलाकातों को भावभीनी श्रद्धांजलि के रूप में याद किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक भावुक संदेश साझा करते हुए लिखा, “पोप फ्रांसिस के निधन से बहुत दुख हुआ। दुख और स्मरण की इस घड़ी में, वैश्विक कैथोलिक समुदाय के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना। पोप फ्रांसिस को हमेशा दुनिया भर के लाखों लोगों द्वारा करुणा, विनम्रता और आध्यात्मिक साहस के प्रतीक के रूप में याद किया जाएगा। उन्होंने छोटी उम्र से ही प्रभु मसीह के आदर्शों को साकार करने के लिए अपने जीवन को समर्पित कर दिया। गरीबों और वंचितों की सेवा में उनका समर्पण असाधारण था। जो लोग पीड़ा में थे, उनके जीवन में उन्होंने आशा और विश्वास का संचार किया।”

प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में आगे लिखा कि वे पोप फ्रांसिस के साथ हुई मुलाकातों को याद करते हैं और समावेशी, सर्वांगीण विकास के लिए उनकी प्रतिबद्धता से बहुत प्रेरित हुए थे। उन्होंने कहा कि भारत के लोगों के प्रति पोप का स्नेह हमेशा संजोकर रखा जाएगा। “मैं प्रार्थना करता हूं कि उनकी आत्मा को ईश्वर की गोद में शांति मिले,” उन्होंने अपनी संवेदना के अंत में लिखा।

वेटिकन की ओर से सोमवार को जारी बयान में बताया गया कि पोप फ्रांसिस का निधन सुबह 7:35 बजे हुआ। वे पिछले कुछ समय से गंभीर रूप से बीमार थे। उनके दोनों फेफड़ों में न्यूमोनिया की पुष्टि हुई थी, जिससे उनकी हालत लगातार बिगड़ती जा रही थी। बीते हफ्तों में वे लंबे समय तक अस्पताल में भर्ती रहे और 24 मार्च को ही कासा सांता मार्टा स्थित अपने आवास पर लौटे थे। अस्पताल से लौटने के बाद उन्होंने बाहर जमा भीड़ को आशीर्वाद भी दिया था, जिससे लोगों में यह उम्मीद जागी थी कि वे स्वस्थ हो रहे हैं। लेकिन दुर्भाग्यवश, उनकी हालत फिर बिगड़ गई और आज उन्होंने अंतिम सांस ली।

पोप फ्रांसिस, जिनका असली नाम जॉर्ज मारियो बेर्गोलियो था, रोमन कैथोलिक चर्च के पहले लैटिन अमेरिकी और पहले जेसुइट पोप थे। उन्हें 2013 में पोप चुना गया था और उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान चर्च में कई ऐतिहासिक सुधार किए। उन्होंने धार्मिक सहिष्णुता, जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई और सामाजिक न्याय जैसे मुद्दों पर खुलकर आवाज़ उठाई।

उनकी सादगीपूर्ण जीवनशैली, गरीबों और हाशिए पर खड़े लोगों के प्रति संवेदना, और विश्व शांति की दिशा में उनके प्रयासों को हमेशा याद किया जाएगा। पोप फ्रांसिस एक ऐसे नेता थे जिन्होंने न केवल ईसाई धर्म के अनुयायियों, बल्कि पूरे मानव समाज के लिए प्रेरणा का काम किया।

पूरे विश्व से श्रद्धांजलियों का सिलसिला जारी है। वेटिकन सिटी में शोक का माहौल है और पोप के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन के लिए विशेष कार्यक्रमों की तैयारी की जा रही है।

IPPCI Media:
Related Post