Pune Communal Violence: पुणे के यवत गांव में सांप्रदायिक हिंसा के बाद कार्रवाई तेज, 500 पर केस, 17 गिरफ्तार, निषेधाज्ञा लागू
महाराष्ट्र के पुणे जिले के यवत गांव में सोशल मीडिया पर कथित आपत्तिजनक पोस्ट के बाद भड़की सांप्रदायिक हिंसा पर पुलिस ने सख्त रुख अपनाते हुए अब तक 500 से अधिक लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। शुक्रवार दोपहर हुई हिंसक झड़पों के बाद शनिवार को प्रशासन और पुलिस की ओर से व्यापक कार्रवाई शुरू कर दी गई है, जिसमें अब तक 5 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं और 17 आरोपियों को हिरासत में लिया गया है।
हिंसा की जड़ उस युवक की सोशल मीडिया पोस्ट थी, जिसे धार्मिक भावनाएं भड़काने वाले कंटेंट के लिए गिरफ्तार कर लिया गया है। इसी पोस्ट के बाद यवत गांव में दोपहर से ही स्थिति तनावपूर्ण होती चली गई और शाम तक यह हिंसा में बदल गई। अलग-अलग इलाकों में भीड़ ने सरकारी और निजी संपत्तियों पर हमला बोल दिया, तोड़फोड़ की और कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, हिंसक भीड़ ने एक मोटरसाइकिल, दो कारें, एक धार्मिक स्थल और एक बेकरी को आग लगा दी। हालात को बेकाबू होते देख पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने और लाठीचार्ज करने तक की नौबत आ गई। स्थिति को गंभीरता से देखते हुए यवत गांव में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है और अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती भी की गई है।
यवत पुलिस स्टेशन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अब तक हिंसा से संबंधित पांच मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से चार केस आगजनी और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले तत्वों के खिलाफ दर्ज हुए हैं। इन चार मामलों में 500 से ज्यादा लोगों को आरोपी बनाया गया है, जिनमें से 100 से अधिक की पहचान हो चुकी है। 17 लोगों को हिरासत में लिया गया है और उनसे पूछताछ जारी है।
सोशल मीडिया पोस्ट अपलोड करने वाले युवक के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को आहत करने और शांति भंग करने के तहत अलग मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया गया है। पुलिस जांच में सामने आया है कि इस युवक की पोस्ट के चलते ही भीड़ उग्र हुई थी।
पुलिस का कहना है कि स्थिति अब नियंत्रण में है और इलाके में सतर्कता बरती जा रही है। प्रशासन ने शांति बनाए रखने की अपील की है और सोशल मीडिया पर भ्रामक या भड़काऊ सामग्री साझा न करने की चेतावनी दी है। सुरक्षा की दृष्टि से इलाके में इंटरनेट सेवा पर भी नजर रखी जा रही है।