Sambhal: संभल में थाना परिसर बना लपटों का गवाह: हाईटेंशन तार गिरने से लगी आग, 35 वाहन खाक, उठे प्रशासनिक लापरवाही के सवाल

Sambhal: संभल में थाना परिसर बना लपटों का गवाह: हाईटेंशन तार गिरने से लगी आग, 35 वाहन खाक, उठे प्रशासनिक लापरवाही के सवाल

उत्तर प्रदेश के संभल जनपद में शनिवार शाम एक भीषण अग्निकांड ने प्रशासन और सुरक्षा मानकों की पोल खोल दी। हयातनगर थाना परिसर में उस समय अफरा-तफरी मच गई जब थाना भवन के पीछे स्थित खाली ज़मीन पर खड़े मुकदमाती और कंडम वाहनों में अचानक आग लग गई। आग इतनी भयावह थी कि कुछ ही मिनटों में 30 से अधिक वाहन धू-धू कर जल उठे। हादसे की वजह हाईटेंशन बिजली लाइन का टूटकर गिरना बताई जा रही है।

आग ने मचाई तबाही, थाने में मचा हड़कंप
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक हयातनगर थाना परिसर से होकर एक हाईटेंशन लाइन गुजरती है। इसी लाइन का तार अचानक टूटकर थाने के पीछे की खुली जगह में गिर पड़ा, जहां वर्षों से मुकदमों में जब्त व अनुपयोगी वाहन खड़े थे। तार गिरते ही वाहनों में आग लग गई और चंद मिनटों में पूरे इलाके में धुएं और लपटों का गुबार छा गया। थाना परिसर में मौजूद पुलिसकर्मियों समेत थानाध्यक्ष चमन सिंह तुरंत कार्यालयों से बाहर निकल आए। आवासीय परिसर में रह रहे पुलिसकर्मियों के परिजन भी घबराकर जान बचाने बाहर भागे।

भीड़ जमा, बिजली काटी गई, दमकल की टीमों ने पाया काबू
घटना की गंभीरता को देखते हुए तुरंत बिजलीघर को सूचना देकर विद्युत आपूर्ति बंद कराई गई। फायर ब्रिगेड को भी तत्काल सूचना दी गई। अग्निशमन प्रभारी बाबूराम ने बताया कि उन्हें आग लगने की सूचना शाम 6:28 बजे प्राप्त हुई, जिसके बाद वे दो दमकलों के साथ मौके पर पहुंचे। हालात बिगड़ते देख चन्दौसी और बहजोई से भी दमकलें मंगाई गईं। करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद रात 7:35 बजे आग पर पूरी तरह काबू पा लिया गया।

हालांकि इस दौरान लगभग 35 वाहन जलकर पूरी तरह खाक हो गए। राहत की बात यह रही कि कोई जनहानि नहीं हुई। पानी की आपूर्ति में शुरूआती परेशानी जरूर आई, लेकिन पास के कोल्ड स्टोर और अन्य स्रोतों से पानी की व्यवस्था कर आग बुझाई गई।

प्रशासनिक लापरवाही पर उठे गंभीर सवाल
यह हादसा केवल आग की एक घटना नहीं, बल्कि एक बड़े प्रशासनिक चूक का संकेत भी है। सवाल उठ रहे हैं कि आखिर हाईटेंशन बिजली लाइन के नीचे इतने वर्षों से पुराने और मुकदमाती वाहन क्यों खड़े थे? क्या थाने में अग्निशमन सुरक्षा के पर्याप्त इंतज़ाम नहीं थे? इस घटना ने न केवल हयातनगर थाना बल्कि राज्यभर के थाना परिसरों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी संवेदनशील जगहों पर अग्निशमन यंत्र, जल स्रोत, और बिजली लाइन की सटीक निगरानी जैसी व्यवस्थाएं अनिवार्य होनी चाहिए। वहीं, प्रशासनिक अमले को निर्देशित किया जाना चाहिए कि ऐसे इलाकों में कंडम वाहनों का ढेर न लगाया जाए, जिससे आग जैसी दुर्घटनाओं की आशंका कम की जा सके।

भविष्य के लिए सबक
संभल में घटित यह दुर्घटना एक चेतावनी है कि सुरक्षा मानकों की अनदेखी से बड़ा नुकसान हो सकता है। यदि समय रहते विद्युत आपूर्ति नहीं काटी जाती और दमकल दल नहीं पहुंचता, तो स्थिति और भयावह हो सकती थी। अब जरूरत है कि ऐसे हादसों से सबक लेते हुए राज्य के सभी थाना परिसरों में सुरक्षा व्यवस्था की पुन: समीक्षा की जाए और खतरे की संभावनाओं को खत्म किया जाए।

 

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