Starlink India Approval: भारत में स्टारलिंक को मिली सैटेलाइट इंटरनेट सेवा की मंजूरी, देशभर में हाई-स्पीड कनेक्टिविटी का रास्ता साफ
भारत में डिजिटल क्रांति को और अधिक गति देते हुए, एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक को देश में सैटेलाइट-आधारित इंटरनेट सेवाएं प्रदान करने की आधिकारिक मंजूरी मिल गई है। इस ऐतिहासिक फैसले से भारत के दूर-दराज और इंटरनेट से अछूते क्षेत्रों तक हाई-स्पीड कनेक्टिविटी पहुंचाने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (IN-SPACe) ने मेसर्स स्टारलिंक सैटेलाइट कम्युनिकेशंस प्राइवेट लिमिटेड (SSCPL) को स्टारलिंक Gen1 लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) उपग्रह तारामंडल के माध्यम से सैटेलाइट संचार सेवाएं प्रदान करने की अनुमति दी है। यह स्वीकृति भारत की दूरसंचार और इंटरनेट प्रणाली को एक नई ऊंचाई पर ले जाने वाला कदम माना जा रहा है।
स्टारलिंक Gen1 वैश्विक स्तर पर सक्रिय एक अत्याधुनिक उपग्रह समूह है, जिसमें कुल 4,408 सैटेलाइट शामिल हैं। ये सभी सैटेलाइट पृथ्वी से लगभग 540 से 570 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थित हैं और लगातार परिक्रमा कर रहे हैं। इन उपग्रहों की खासियत यह है कि ये पारंपरिक इंटरनेट इंफ्रास्ट्रक्चर की सीमाओं से परे जाकर सीधे पृथ्वी पर इंटरनेट सिग्नल भेज सकते हैं, जिससे देश के पहाड़ी, आदिवासी, और सीमावर्ती क्षेत्रों में भी सहज कनेक्टिविटी संभव होगी।
हालांकि, स्टारलिंक की सेवाओं की शुरुआत तभी होगी जब इसे भारत सरकार के सभी संबंधित विभागों से लाइसेंस और नियामक मंजूरी मिल जाएंगी। वर्तमान में कंपनी की ओर से सभी आवश्यक रेगुलेटरी क्लीयरेंस और ट्रायल्स की प्रक्रिया जारी है।
इस फैसले से ग्रामीण भारत को सर्वाधिक लाभ मिलने की संभावना है, जहां ब्रॉडबैंड और फाइबर इंटरनेट की पहुंच अभी भी सीमित है। दूरदराज के गांव, स्कूल, अस्पताल, और सीमावर्ती चौकियों तक अब बिना किसी फिजिकल नेटवर्क विस्तार के तेज़ और भरोसेमंद इंटरनेट सेवा पहुंचाना संभव हो सकेगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से भारत की डिजिटल इकॉनमी को जबरदस्त गति मिलेगी। ऑनलाइन शिक्षा, टेलीमेडिसिन, डिजिटल पेमेंट्स और रिमोट वर्क जैसे क्षेत्रों में नया विस्तार होगा। इसके अलावा आपदा प्रबंधन, रक्षा संचार और कृषि निगरानी जैसी रणनीतिक जरूरतों को भी स्टारलिंक की सेवा से मजबूती मिलेगी।
स्टारलिंक पहले ही दुनिया के कई देशों में ग्रामीण और कठिन क्षेत्रों में इंटरनेट सेवा प्रदान कर रहा है और भारत इसके लिए एक विशाल संभावनाओं वाला बाजार है। एलन मस्क की इस पहल को भारत सरकार की डिजिटल इंडिया मुहिम के लिए एक मजबूत सहयोगी के रूप में देखा जा रहा है।