Pahalgam: पहलगाम आतंकी हमले के बाद राजधानी में सख्त सुरक्षा इंतजाम, हर गतिविधि पर बारीकी से नजर
जम्मू-कश्मीर के खूबसूरत पर्यटन स्थल पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद राजधानी दिल्ली सहित देश के कई प्रमुख शहरों में सुरक्षा व्यवस्था को बेहद सख्त कर दिया गया है। हमले में 28 निर्दोष लोगों की जान गई, जिनमें से अधिकांश पर्यटक थे। यह हमला न केवल मानवीय त्रासदी है, बल्कि देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए भी एक गंभीर चुनौती बनकर सामने आया है। इसे 2019 के पुलवामा हमले के बाद का सबसे घातक हमला माना जा रहा है।
दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने हमले के तुरंत बाद राष्ट्रीय राजधानी में चौकसी और सतर्कता को उच्चतम स्तर पर पहुंचा दिया है। खासकर पर्यटक स्थलों, मेट्रो स्टेशनों, रेलवे टर्मिनल, एयरपोर्ट और प्रमुख सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षा का घेरा बढ़ा दिया गया है। वरिष्ठ अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखने के लिए विशेष टीमें तैनात कर दी गई हैं और इंटेलिजेंस इनपुट्स की लगातार निगरानी की जा रही है।
सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए संवेदनशील इलाकों में ट्रैफिक मूवमेंट को भी नियंत्रित किया गया है। दिल्ली की सड़कों पर बढ़ी पुलिस गश्त, विशेष जांच चौकियों और क्विक रिस्पॉन्स टीमों (QRT) की मौजूदगी सामान्य नागरिकों को सुरक्षा का भरोसा दिलाने के साथ-साथ संभावित खतरे को भी टालने की दिशा में अहम कदम मानी जा रही है।
इस हमले के दौरान अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भारत की आधिकारिक यात्रा पर थे, जिससे इस आतंकी हमले को एक अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक संकट के रूप में भी देखा जा रहा है। यही कारण है कि केंद्र सरकार और राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियां इस पूरे मामले को अत्यधिक संवेदनशीलता के साथ हैंडल कर रही हैं।
गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को कड़े निर्देश जारी किए हैं कि वे भीड़-भाड़ वाले इलाकों, धार्मिक स्थलों, पर्यटन स्थलों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करें और प्रत्येक गतिविधि पर कड़ी निगरानी बनाए रखें। दिल्ली के अलावा मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, कोलकाता जैसे शहरों में भी अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किए गए हैं और सुरक्षाबलों को किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया गया है।
सुरक्षा एजेंसियों ने पहलगाम हमले की विस्तृत जांच शुरू कर दी है। प्राथमिक जांच में यह सामने आया है कि हमला सुनियोजित और पूर्व नियोजित था, जिसमें कई लोगों की संलिप्तता हो सकती है। हमलावरों की पहचान और उनके नेटवर्क का पता लगाने के लिए खुफिया एजेंसियां, साइबर सेल, एनआईए और अन्य सुरक्षा इकाइयां एक साथ मिलकर काम कर रही हैं। संभावित आतंकवादी ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है और कई संदिग्धों को हिरासत में भी लिया गया है।
देशभर में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। एयरपोर्ट्स पर यात्रियों की जांच और सामान की स्कैनिंग प्रक्रिया को और अधिक कठोर बना दिया गया है। दिल्ली मेट्रो में अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं और सीसीटीवी निगरानी को 24×7 मोड में शिफ्ट कर दिया गया है।
यह आतंकी हमला न केवल जम्मू-कश्मीर की शांति व्यवस्था को चुनौती देता है, बल्कि पूरे देश को एकजुट होकर आतंक के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ने की आवश्यकता का एहसास भी कराता है। फिलहाल दिल्ली समेत पूरे देश में सुरक्षा तंत्र पूरी तरह सक्रिय और सजग है और सरकार इस बात को सुनिश्चित कर रही है कि आम जनजीवन सामान्य बना रहे, लेकिन किसी भी खतरे की आशंका को नजरअंदाज न किया जाए।
देश इस बार न केवल अपने नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहा है, बल्कि इस नृशंस हमले के दोषियों को पकड़ने और उन्हें सजा दिलाने के लिए हर संभव कदम उठाने को भी प्रतिबद्ध है। सुरक्षा बलों की तत्परता और केंद्र सरकार की कड़ी निगरानी आने वाले दिनों में स्थिति पर किस हद तक नियंत्रण रख पाती है, यह देखना अहम होगा।