Burkina Faso: बुर्किना फासो में जिहादी हमले में 100 से अधिक की मौत, सैन्य अड्डों और शहरों को बनाया गया निशाना

Burkina Faso: बुर्किना फासो में जिहादी हमले में 100 से अधिक की मौत, सैन्य अड्डों और शहरों को बनाया गया निशाना
अफ्रीकी देश बुर्किना फासो एक बार फिर भीषण आतंकी हमले का शिकार बना है। उत्तरी बुर्किना फासो में अल-कायदा से जुड़े जिहादी संगठन जमात नस्र अल-इस्लाम वाल-मुस्लिमीन (JNIM) ने रविवार तड़के बड़े पैमाने पर हमला किया। इस हमले में 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई, जिनमें से अधिकांश देश के सुरक्षाबल के जवान थे। जिहादियों ने सैन्य अड्डों और जिबो शहर समेत कई स्थानों को निशाना बनाकर तबाही मचाई।
स्थानीय समयानुसार सोमवार को एक सहायता कर्मी और कुछ स्थानीय नागरिकों ने हमले की पुष्टि की। एक छात्रा ने बताया कि इस हमले में उसके पिता की भी मौत हो गई। भय और सुरक्षा के माहौल को देखते हुए किसी ने अपनी पहचान सार्वजनिक नहीं की है।
यह हमला उस समय हुआ जब देश पहले से ही आतंकी संकट और राजनीतिक अस्थिरता से जूझ रहा है। 2022 में दो बार हुए सैन्य तख्तापलट के बाद अब बुर्किना फासो सैन्य शासन के अधीन है, लेकिन देश का लगभग आधा हिस्सा सरकार के नियंत्रण से बाहर जा चुका है। साहेल क्षेत्र, जिसमें बुर्किना फासो आता है, विश्व के सबसे अधिक आतंक प्रभावित इलाकों में से एक बन चुका है।
हमले की जिम्मेदारी जेएनआईएम (JNIM) नामक संगठन ने ली है, जो अल-कायदा से जुड़ा हुआ है और साहेल क्षेत्र में सक्रिय है। यह संगठन वर्षों से इस इलाके में सेना और आम नागरिकों पर हमले करता आ रहा है। इस बार का हमला न सिर्फ व्यापक पैमाने पर हुआ बल्कि यह सैन्य प्रतिष्ठानों पर जिहादियों के बढ़ते आत्मविश्वास और रणनीतिक क्षमता का भी संकेत देता है।
सुरक्षा बलों ने घटनास्थल पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की, लेकिन तब तक काफी नुकसान हो चुका था। राहत और बचाव कार्य जारी हैं, लेकिन इलाके की दुर्गमता और लगातार सुरक्षा खतरे के चलते प्रयासों में बाधाएं आ रही हैं।
मानवाधिकार संगठनों ने इस हमले की निंदा की है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से बुर्किना फासो में स्थिरता बहाल करने की अपील की है। हालांकि, यह स्पष्ट है कि जब तक आतंकवादियों के नेटवर्क पर सख्त कार्रवाई नहीं होती, साहेल क्षेत्र के देशों में शांति बहाल कर पाना बेहद कठिन होगा।
बुर्किना फासो की 23 मिलियन की आबादी हिंसा, आतंकवाद और अस्थिरता की त्रासदी झेल रही है। देश की मौजूदा स्थिति अंतरराष्ट्रीय सहयोग की मांग करती है ताकि निर्दोष लोगों की जान बचाई जा सके और सुरक्षा तंत्र को मजबूत किया जा सके।