Varanasi Sex Racket: वाराणसी में स्पा सेंटर की आड़ में सेक्स रैकेट का भंडाफोड़, BJP नेत्री के पति का नाम सामने
वाराणसी में सिगरा थाना क्षेत्र के दो स्थानों पर चल रहे सेक्स रैकेट का बड़ा खुलासा हुआ है, जहाँ स्पा सेंटर की आड़ में देह व्यापार का धंधा संचालित किया जा रहा था। SOG-2 टीम ने देर रात मेलोडी स्पा और त्रिनेत्र भवन के पास कन्हैया लाल सर्राफ वाली बिल्डिंग के फ्लैट नंबर 112 पर एक साथ छापेमारी की। कार्रवाई के दौरान पुलिस ने 9 महिलाओं समेत कुल 13 लोगों को गिरफ्तार किया, जबकि मौके से 23,100 रुपये नकद, आपत्तिजनक सामग्री और कई इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य बरामद किए। दोनों स्थानों को तुरंत सीज कर दिया गया और पुलिस ने कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।
छापेमारी के समय मेलोडी स्पा सेंटर में 4 महिलाओं और 4 पुरुष ग्राहकों को आपत्तिजनक गतिविधियों में शामिल पाया गया। वहीं फ्लैट नंबर 112 में 5 महिलाएं संलिप्त मिलीं। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल डेटा और फॉरेंसिक साक्ष्य भी जब्त कर लिए हैं ताकि न्यायालय में पुख्ता सबूत प्रस्तुत किए जा सकें। इस कार्रवाई के बाद पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया और आसपास के लोगों में भारी चर्चा का माहौल बना हुआ है।
सबसे चौंकाने वाली बात यह सामने आई कि जिन दोनों स्थानों पर देह व्यापार का यह नेटवर्क चल रहा था, वे भाजपा नेत्री शालिनी यादव के पति अरुण यादव के बताए जा रहे हैं। शालिनी यादव 2017 में कांग्रेस से वाराणसी नगर निगम मेयर पद की उम्मीदवार रहीं और दूसरे स्थान पर रही थीं। बाद में उन्होंने समाजवादी पार्टी के टिकट पर 2019 में वाराणसी लोकसभा चुनाव लड़ा, जहाँ वे लगभग दो लाख वोट पाकर पुनः दूसरे स्थान पर रहीं। वर्ष 2023 में उन्होंने सपा से इस्तीफा देकर भाजपा ज्वाइन कर ली थी। इस मामले के सामने आने के बाद राजनीतिक गलियारों में भी हलचल है और विपक्ष ने सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं।
पुलिस ने बताया कि यह नेटवर्क लंबे समय से सक्रिय था और इसके तार कई बड़े लोगों से जुड़े होने की आशंका है, जिसके चलते आगे भी जांच जारी रहेगी। पुलिस के अनुसार मोबाइल रिकॉर्ड, कॉल डिटेल और डिजिटल भुगतान से जुड़े लेनदेन की भी जाँच की जा रही है जिससे इस पूरे गिरोह की जड़े खोजी जा सकें और शामिल सभी लोगों पर सख्त कार्रवाई की जा सके।
यह मामला इस बात का प्रमाण है कि वाराणसी में स्पा सेंटर की आड़ में चलने वाला अवैध सेक्स रैकेट तेजी से फैल रहा था और इसमें सफेदपोश लोगों की संलिप्तता ने इसे मजबूत बना रखा था। पुलिस की यह निर्णायक कार्रवाई अपराध नियंत्रण की दिशा में बड़ी सफलता मानी जा रही है, हालांकि इससे जुड़े कई रहस्यों के खुलने की अभी भी उम्मीद है।