WJI: राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर हैदराबाद में हुआ मीडिया सम्मेलन, पत्रकारों को मिला राष्ट्रीय पुरस्कार

WJI: राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर हैदराबाद में हुआ मीडिया सम्मेलन, पत्रकारों को मिला राष्ट्रीय पुरस्कार

हैदराबाद के उस्मानिया विश्वविद्यालय में शुक्रवार को एक ऐतिहासिक और विचारोत्तेजक सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसका विषय था — “राष्ट्रीय शिक्षा नीति और मीडिया की भूमिका”। इस सम्मेलन का आयोजन वर्किंग जर्नलिस्ट्स ऑफ इंडिया (WJI), OU कॉलेज ऑफ एजुकेशन और आंध्र महिला सभा कॉलेज ऑफ टीचर एजुकेशन द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। सम्मेलन में देशभर से वरिष्ठ पत्रकारों, शिक्षाविदों और नीति विशेषज्ञों ने भाग लिया और वर्तमान मीडिया की भूमिका व शिक्षा सुधारों पर गहन चर्चा की।

मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित इंग्लिश एंड फॉरेन लैंग्वेज यूनिवर्सिटी (EFLU) के कुलपति राजाराव ने कहा कि “मीडिया के पास भले ही अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है, लेकिन इस स्वतंत्रता के साथ उसे समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन भी करना चाहिए।” उन्होंने कहा कि मीडिया को जनता के अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए और सनसनी के बजाय सत्य, तथ्य आधारित और जनकल्याणकारी सूचनाओं को प्राथमिकता देनी चाहिए। उन्होंने यह भी चेताया कि सोशल मीडिया के युग में झूठी खबरें तेजी से फैल रही हैं, और ऐसे समय में जिम्मेदार पत्रकारिता की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक है।

उन्होंने पत्रकारों से आह्वान किया कि वे न केवल सरकार की योजनाओं की सही जानकारी लोगों तक पहुँचाएं, बल्कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन में भी सक्रिय भूमिका निभाएं। इस नीति के लाभ, चुनौतियों और भ्रांतियों को स्पष्ट करना मीडिया की ज़िम्मेदारी है।

वर्किंग जर्नलिस्ट्स ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय उपाध्याय ने कहा कि पत्रकारों को राष्ट्रहित सर्वोपरि मानकर कार्य करना चाहिए। वरिष्ठ पत्रकार वलीश्वर, EFLU के पूर्व डीन सुधाकर, B.Ed कॉलेज के प्राचार्य रवींद्रनाथ के. मूर्ति और सहायक प्राध्यापक डॉ. ललिता ने भी सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि पत्रकारों और शिक्षकों की सामाजिक भूमिका महत्वपूर्ण है और दोनों वर्गों को मिलकर शिक्षा जागरूकता फैलानी चाहिए।

सम्मेलन के दूसरे सत्र में देशभर से आए शिक्षाविदों ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में आ रही चुनौतियों और समाधान पर शोध पत्र प्रस्तुत किए। प्रमुख वक्ताओं में एर्रोजू श्रीनिवास, डॉ. राजाराम, डॉ. राधिका (पुडुचेरी), उपेन्द्र और WJI के मानद अध्यक्ष नंदनम कुपाकर शामिल रहे। समापन सत्र में प्रमुख शिक्षाविद मुरली मनोहर ने विचार रखे। WJI राज्य अध्यक्ष राणाप्रताप, महासचिव राविकंती श्रीनिवास, उपाध्यक्ष करुणाकर और अन्य प्रतिनिधियों ने भी सम्मेलन को संबोधित किया।

हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय और प्रसिद्ध पत्रकार एमवीआर शास्त्री ने वीडियो संदेश भेजकर राष्ट्रीय शिक्षा नीति की अहमियत को रेखांकित किया और मीडिया की भूमिका को निर्णायक बताया।

इस अवसर पर WJI द्वारा देश के विभिन्न हिस्सों से प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया के पत्रकारों को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए गए।

प्रिंट मीडिया से सम्मानित पत्रकारों में थे:

  • कर्णाटी लक्ष्मीनारायण (संपादक)

  • एन.एस. राव (अन्वेषणात्मक लेख)

  • मणिकुमार, चार्ला (मानवता पर रिपोर्ट)

  • अयोध्या रामैया (ग्रामीण रिपोर्टिंग)

  • श्रीधर (फोटोग्राफर)

  • आर. महेन्दर (ले-आउट आर्टिस्ट)

  • डॉ. भास्कर यादव (कालम लेखक)

  • आसरी राजू (उप-संपादक)

इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पुरस्कार विजेता:

  • डी. श्रीनिवास (TV9)

  • तेजा (99TV)

  • सुरेश रेड्डी (V6)

  • अनिल (TV5)

  • निम्मगड्डा सिंधूर (T News)

  • चंद्रिका (ABN)

  • रमेश वैतला (NTV)

डिजिटल मीडिया पुरस्कार:

  • राकेश

  • भरत (Zee News)

इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार एमवीआर शास्त्री को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड देने की भी घोषणा की गई, जिसे सभी पत्रकारों और शिक्षाविदों ने standing ovation के साथ सराहा।

इस सम्मेलन ने स्पष्ट कर दिया कि पत्रकारिता केवल खबरों तक सीमित नहीं, बल्कि समाज को दिशा देने वाला एक सशक्त माध्यम है। मीडिया और शिक्षा के बीच की साझेदारी भविष्य के भारत को सशक्त और जागरूक बना सकती है।

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