Kotdwar Dugadda Road Landslide: उत्तराखंड में कोटद्वार-दुगड्डा मार्ग पर भीषण हादसा, मलबे में दबकर दो की मौत, छह घायल
उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जनपद से सोमवार सुबह एक दिल दहला देने वाला हादसा सामने आया है, जहां कोटद्वार-दुगड्डा मार्ग पर एक यात्रियों से भरी मैक्स सवारी गाड़ी पर अचानक पहाड़ी से मलबा गिर गया। घटना इतनी भयावह थी कि देखते ही देखते वाहन मलबे में दब गया और बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया, जिससे मौके पर ही दो लोगों की मौत हो गई और छह अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए।
हादसा सोमवार सुबह उस समय हुआ जब मैक्स वाहन कोटद्वार से दुगड्डा की ओर जा रहा था। भारी बारिश के कारण पहाड़ी का एक बड़ा हिस्सा अचानक टूटकर नीचे गिर पड़ा, जिसकी चपेट में पूरी गाड़ी आ गई। मलबा इतनी तेज गति से आया कि चालक को संभलने तक का मौका नहीं मिला। घटना के तुरंत बाद स्थानीय लोग और पुलिस मौके पर पहुंचे और बचाव कार्य शुरू किया।
मलबे में फंसे घायलों को तत्काल निकाला गया और नजदीकी अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उनका इलाज जारी है। बताया गया है कि सभी घायलों की हालत गंभीर है और उन्हें चिकित्सकीय निगरानी में रखा गया है।
इस दर्दनाक हादसे को लेकर उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने गहरा दुख जताया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “कोटद्वार-दुगड्डा मार्ग पर भारी वर्षा के कारण टैक्सी वाहन पर विशाल पत्थर गिरने से दो लोगों की दुखद मृत्यु तथा अन्य के घायल होने का अत्यंत दुखद समाचार प्राप्त हुआ। इस हृदयविदारक घटना से मन अत्यंत व्यथित है। बाबा सिद्धबली महाराज से प्रार्थना करती हूं कि दिवंगत आत्माओं को शांति और परिजनों को यह दुख सहने की शक्ति दें। साथ ही, घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की ईश्वर से कामना करती हूं।”
गौरतलब है कि उत्तराखंड के कई क्षेत्रों में पिछले कई दिनों से मूसलधार बारिश हो रही है, जिससे भूस्खलन और पहाड़ी दरकने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। पहाड़ों में बनी सड़कों पर यात्रा करना जोखिमभरा होता जा रहा है। इस हादसे ने एक बार फिर राज्य की कमजोर भौगोलिक परिस्थितियों की गंभीरता को उजागर कर दिया है।
फिलहाल प्रशासन ने सुरक्षा के लिहाज से कोटद्वार-दुगड्डा मार्ग पर वाहनों की आवाजाही को कुछ समय के लिए नियंत्रित कर दिया है और धीरे-धीरे यातायात को दोबारा शुरू किया जा रहा है। प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि वे मौसम की स्थिति को देखकर ही पहाड़ी इलाकों की यात्रा करें और स्थानीय अधिकारियों द्वारा जारी चेतावनियों का पालन करें।