लिंगायत समुदाय को अलग धर्म का दर्जा नहीं देगी केंद्र सरकार : अमित शाह

नई दिल्ली : कर्णाटक विधानसभा चुनाव से एन पहले कांग्रेस ने लिंगायत समुदाय को अलग धर्म का दर्जा देने का प्रस्ताव पास कर एक नई तरह की राजनीति को जन्म दे दिया है। हालाँकि लिंगायत समुदाय को अलग धर्म का दर्जा दिए जाने का अंतिम फैसला केंद्र सरकार को करना है, लेकिन विधानसभा चुनाव को लेकर इस मुद्दे पर गहमागहमी जारी है। वहीँ अब इस मुद्दे पर अमित शाह ने केंद्र की मोदी सरकार का रूख स्पष्ट कर दिया है।

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने मगंलवार को अपने कर्नाटक दौरे के दौरान कहा कि मैं ये भरोसा दिलाता हूं कि लिंगायत समुदाय को बंटने नहीं दिया जाएगा। जब तक भाजपा है तब तक कोई बंटवारा नहीं होगा। लिंगायत समुदाय को धार्मिक अल्पसंख्यक का दर्जा देने की सिद्धारमैया सरकार की सिफारिश को केंद्र सरकार स्वीकार नहीं करेगी। भाजपा अध्यक्ष ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसने सिर्फ वोट बैंक के लिए लिंगायत समुदाय का इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने कहा कि लिंगायत और वीरशैव लिंगायत को धार्मिक अल्पसंख्यकों का दर्जा देना हिंदुओं को बांटने वाला कदम है।

अमित शाह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार ओबीसी का ध्यान रखते हुए 116 योजनाएं बनाई है। ये बात अलग है कि कर्नाटक में बीजेपी की सरकार नहीं होने के कारण अभी तक केंद्र सरकार की सारी योजनाएं आप तक नहीं पहुंच पाई हैं लेकिन अब जब कर्नाटक में बीजेपी की सरकार आएगी तो यहां के समुदाय भी केंद्र की योजनाओं का फायदा उठा पाएंगे। अमित शाह ने कर्नाटक की मौजूदा सिद्धारमैया सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि उनकी सरकार सिर्फ भ्रष्टाचार, गुंडागर्दी और हिंदुओं को मारने के लिए जानी जाती है।

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