Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के कोंडागांव-नारायणपुर सीमा पर बड़ी माओवादी मुठभेड़, दो इनामी नक्सली ढेर, एके-47 और विस्फोटक बरामद

Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के कोंडागांव-नारायणपुर सीमा पर बड़ी माओवादी मुठभेड़, दो इनामी नक्सली ढेर, एके-47 और विस्फोटक बरामद
छत्तीसगढ़ में नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र में सुरक्षाबलों को एक और बड़ी सफलता मिली है। कोंडागांव और नारायणपुर जिलों की सीमा पर स्थित घने किलम-बुरगुम जंगलों में मंगलवार 15 अप्रैल को सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच जबरदस्त मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ में दो कुख्यात नक्सली मारे गए, जिनमें से एक पर 8 लाख और दूसरे पर 5 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
इस सफल ऑपरेशन को जिला रिजर्व गार्ड (DRG) और बस्तर फाइटर्स की संयुक्त टीम ने अंजाम दिया। सुरक्षा एजेंसियों को इन जंगलों में माओवादियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी मिली थी, जिसके आधार पर सुरक्षाबलों ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया। शाम को जब सुरक्षाबलों की टीम किलम-बुरगुम के जंगलों में पहुंची, तब नक्सलियों ने उन पर अचानक फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में माओवादियों के साथ मुठभेड़ शुरू हो गई, जो देर तक चली।
मुठभेड़ खत्म होने के बाद घटनास्थल की जब तलाशी ली गई, तो वहां से दो नक्सलियों के शव बरामद हुए। दोनों की पहचान बस्तर ईस्ट डिवीजन के कुख्यात माओवादी कमांडर डीवीसीएम हलदर और एसीएम रामे के रूप में हुई है। हलदर पर 8 लाख रुपये और रामे पर 5 लाख रुपये का इनाम घोषित था। दोनों बस्तर के जंगलों में लंबे समय से सक्रिय थे और कई नक्सली घटनाओं में शामिल रहे हैं।
घटनास्थल से सुरक्षाबलों ने एक एके-47 राइफल, एक अन्य अत्याधुनिक हथियार, बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री और नक्सलियों के दैनिक उपयोग का सामान बरामद किया है। क्षेत्र में अभी भी सुरक्षाबलों का तलाशी अभियान जारी है ताकि संभावित रूप से छिपे अन्य नक्सलियों को खोजा जा सके।
बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) पी. सुंदरराज ने इस मुठभेड़ की पुष्टि करते हुए बताया कि यह ऑपरेशन सुरक्षा बलों की सतर्कता और साहस का परिणाम है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में सक्रिय माओवादी नेटवर्क को कमजोर करने की दिशा में यह एक निर्णायक कार्रवाई है और इससे स्थानीय नागरिकों के मन में विश्वास भी मजबूत होगा।
यह उल्लेखनीय है कि बीते शनिवार को भी छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में एक बड़ी मुठभेड़ हुई थी, जिसमें तीन नक्सली मारे गए थे। उस मुठभेड़ में मारे गए माओवादियों की पहचान हो चुकी है, जिनमें माटवाड़ा एलओएस कमांडर एसीएम अनिल पूनेम (इनामी ₹5 लाख), पालो पोड़ियाम और दीवान मड़कम (दोनों ₹1 लाख इनामी) शामिल थे। इनमें एक महिला नक्सली भी थी, जिससे यह स्पष्ट होता है कि माओवादी संगठन में महिलाओं की भागीदारी भी सक्रिय है।
राज्य सरकार और सुरक्षाबलों की माओवादी विरोधी रणनीति के तहत लगातार सर्च ऑपरेशनों और दबिश के चलते अब नक्सली दबाव में आ रहे हैं। मुठभेड़ों में लगातार मारे जा रहे शीर्ष कमांडरों और कैडरों से यह संकेत मिल रहा है कि सुरक्षाबलों की पकड़ मजबूत हो रही है।
बस्तर और उसके आसपास के जिलों में सुरक्षाबलों की यह सक्रियता और सफल ऑपरेशन नक्सल उन्मूलन की दिशा में निर्णायक साबित हो सकते हैं। आगामी दिनों में भी इस तरह की कार्रवाईयों की संभावना जताई जा रही है।