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केजरीवाल सरकार श्वेत पत्र जारी करे कि 5 साल में उनकी सरकार ने मीडिया के लिए क्या किया

🛑 *दिल्ली की केजरीवाल सरकार की तरफ से पत्रकारो के लिये भी “फ्री सुविधाएं ” देने के दावे या सिर्फ नाटक* ?

⚫ *केजरीवाल सरकार सार्वजनिक करे कि पिछले 5 साल में उसने दिल्ली के पत्रकारों के लिये क्या क्या कदम उठाये*? *केजरीवाल सरकार से इस मामले में श्वेत पत्र जारी करने की यूनियन की मांग*

नई दिल्ली, 18 जुलाई/ *दिल्ली की आम आदमी पार्टी की केजरीवाल सरकार , जो आजकल पंजाब, उत्तराखंड व गोवा में अपनी पार्टी की जड़े जमाने के लिये, ” फ्री, फ्री, फ्री” की घोषणाएं करने में लगे है, उन्होंने दिल्ली के पत्रकारों को भी कई सुविधाएं देने की बात कही है। पत्रकारो के संगठन , इंडियन न्यूज़पेपर एंड जॉर्नलिस्ट सोसाइटी , के डॉक्टर प्रवीण गुप्ता जी दिल्ली सरकार की तरफ से एक पत्र का जवाब दिया गया है। जिसमे दिल्ली के पत्रकारों को 5 तरह की सुविधाएं देने की बात की गयीं है। इसमें दिल्ली सरकार का कहना है कि वह अपने मान्यता प्राप्त पत्रकारो व उनके परिवार के सदस्यों का दिल्ली सरकार के सूचीबद्ध प्राइवेट हॉस्पिटल में ईलाज करवाती है, दिल्ली सरकार का कहना है कि वह अपने मान्यता प्राप्त पत्रकारो व उनके आश्रितों को विपरीत परिस्थितियों में , जॉर्नलिस्ट वेलफेयर स्कीम , के तहत वित्तीय सहायता देती है। दिल्ली सरकार का कहना है कि मान्यता प्राप्त पत्रकारो को दिल्ली नगर निगम, नगर पालिका परिषद के कार्यलयों में अपने वाहन निशुल्क पार्किंग के लिये, पार्किंग स्टीकर देती है। दिल्ली सरकार का कहना है कि वह रेलवे कन्सेशन कूपन देती है, दिल्ली सरकार का कहना है कि वह दिल्ली सरकार के अधीन चलने वाली बसों में दिल्ली , एनसीआर में निशुल्क यात्रा करने का पास बनवाकर देती है। दिल्ली की केजरीवाल सरकार के मुताबिक ये वो 5 सुविधाएं है, जो वह दिल्ली के मान्यता प्राप्त पत्रकारो को देती है। 🛑 दिल्ली के पत्रकार साथियो, अब इस मामले में कुछ हमारी यूनियन भी कहना चाहती है। बस रहा नही जाता है, कोई उत्तराखंड, गोवा, पंजाब की घोषणाओं की तरह , दिल्ली के पत्रकारों के लिये भी अनाप शनाप , जानकारियां देता रहे तो, हम न केवल उसका जवाब देंगे, बल्कि ऐसी सरकार के खिलाफ सड़को पर भी उतरेंगे। वर्किंग जॉर्नलिस्ट्स ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय महासचिव श्री नरेन्द्र भंडारी का कहना है कि दिल्ली सरकार के पत्र को लेकर हमारा , ये कहना है कि , दिल्ली का मान्यता प्राप्त पत्रकार, यदि सड़क पर बेहोश पड़ा है और कोई उसे उठाकर, दिल्ली सरकार के किसी सूचीबद्ध हॉस्पिटल ले जाये , तो उसका वहां पर ईलाज हो सकता है। इस बारे में दिल्ली सरकार का बाकायदा नोटिफिकेशन भी है। श्री भंडारी ने सवाल किया कि क्या केजरीवाल सरकार बतायेगी कि पिछले 5 साल में कितने पत्रकारो का दिल्ली सरकार के सूचिबद्ध हॉस्पिटल में ईलाज हुआ? दिल्ली सरकार ये डेटा जारी करेगी, तो हमे भी खुशी ही होगी कि चलो हमारे किसी साथी को ये सुविधा मिली और उसका जीवन सुरक्षित हुआ। इसी तरह केजरीवाल सरकार कहती है कि, जॉर्नलिस्ट वेलफेयर स्कीम , के तहत जरूरतमंद पत्रकारो को वित्तीय सहायता दी जाती है। तो साथियो, दिल्ली की केजरीवाल सरकार ये डेटा भी जारी कर दे कि इस स्कीम के तहत कितने पत्रकारो को वितीय सहयोग दिया गया। दिवंगत पत्रकार तरुण सिसोदिया के मामले में कई पत्रकार संगठन, उसके आश्रितों को वितीय सहायता देने की मांग करते रहे, पर हमारी जानकारी में नही है कि इस परिवार को दिल्ली सरकार से कोई वितीय सहायता मिली हो। यदि केजरीवाल सरकार ने इस परिवार को कोई भी वितीय सहायता दी है, तो उसे सार्वजनिक करे ।
जहाँ तक रेलवे पास की बात हो तो केंद्र सरकार का रेल मंत्रालय सुविधा देता है, जो कोरोना काल मे बंद कर दी गयी है। जहाँ तक पार्किंग स्टीकर की बात है, तो वो दिल्ली सरकार के अपने कार्यलयों में ही नही चलता, तो दिल्ली नगर निगम व एनडीएमसी की क्या बात करे। दिल्ली विधानसभा परिसर में ही दिल्ली सरकार का ये पार्किंग स्टीकर नही चलता है। जहाँ तक बस पास की बात है तो ये निशुल्क सुविधा, तो दिल्ली की सभी महिलाओं को भी मिली हुई है, तो ऐसे में सिर्फ पत्रकारो को ही ये सुविधा देने की बात क्यो की जा रही है? यूनियन ने केजरीवाल सरकार से मांग की है कि पिछले 5 साल में उसने दिल्ली के पत्रकारो के कल्याणार्थ जो जो कदम उठाए है, उसे लेकर एक श्वेतपत्र जारी करे ।

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