Assam Flood 2025: पूर्वोत्तर भारत में बारिश और बाढ़ का कहर, अब तक 50 लोगों की मौत, 1500 से अधिक गांव जलमग्न

Assam Flood 2025: पूर्वोत्तर भारत में बारिश और बाढ़ का कहर, अब तक 50 लोगों की मौत, 1500 से अधिक गांव जलमग्न
पूर्वोत्तर भारत एक बार फिर प्रकृति की विकराल आपदा का सामना कर रहा है। असम, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मिजोरम, त्रिपुरा, नागालैंड और सिक्किम जैसे राज्यों में भीषण बारिश, बाढ़ और भूस्खलन के चलते जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। अब तक 50 लोगों की जान जा चुकी है जबकि सैकड़ों गांव जलमग्न हैं और लाखों लोग प्रभावित हो चुके हैं। खेतों की फसलें बर्बाद हो गई हैं, मकान ढह गए हैं और कई स्थानों पर सड़क संपर्क टूट चुका है।
असम सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों में से एक है, जहां 29 मई से अब तक बाढ़ और भूस्खलन से 19 लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य के 21 जिलों में 6.79 लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं, जिनमें से कई लोग अपने घर छोड़कर राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं। श्रीभूमि, हैलाकांडी और नगांव जिलों में हालात सबसे ज्यादा खराब हैं। अकेले श्रीभूमि में 2.59 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) ने बताया कि 1,494 गांवों में 14,977 हेक्टेयर कृषि भूमि जलमग्न हो गई है।
ब्रह्मपुत्र सहित राज्य की 8 प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। इनमें बुरहिडीहिंग, कोपिली, बराक, सोनाई, रुकनी, धलेश्वरी, कटखल और कुशियारा शामिल हैं। क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र (RMC), गुवाहाटी ने अलर्ट जारी करते हुए बताया है कि आगामी 24 से 48 घंटे असम और आसपास के इलाकों के लिए अत्यंत संवेदनशील रहेंगे। धुबरी, दक्षिण सलमारा-मनकाचर, ग्वालपारा और कोकराझार जैसे जिलों में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश की चेतावनी दी गई है, जिनकी रफ्तार 30-40 किलोमीटर प्रति घंटा तक हो सकती है।
अरुणाचल प्रदेश के डिबांग वैली जिले में हालात और गंभीर हैं। लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के चलते उफनती नदी ने एक बड़ा पुल बहा दिया है, जिससे कई गांवों का संपर्क पूरी तरह कट गया है। प्रशासन अब ड्रोन और हेलीकॉप्टर की मदद से गांवों में फंसे लोगों तक राहत सामग्री पहुंचाने में जुटा है।
अन्य राज्यों में भी स्थिति चिंताजनक है। अरुणाचल प्रदेश में अब तक 12, मेघालय में 6, मिजोरम में 5, सिक्किम में 4, त्रिपुरा में 2, मणिपुर और नागालैंड में एक-एक व्यक्ति की मौत बाढ़ और भूस्खलन के चलते हो चुकी है। इन राज्यों के कई हिस्सों में रातभर बारिश जारी रही, जिससे हालात सुधरने की जगह और बिगड़ते जा रहे हैं।
बाढ़ प्रभावितों के लिए असम में 190 राहत शिविर खोले गए हैं, जहां अब तक 39,746 से अधिक लोग शरण ले चुके हैं। सरकार, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की टीमें लगातार राहत और बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं, लेकिन कई दुर्गम इलाकों तक पहुंचना अब भी एक चुनौती बना हुआ है।
पूर्वोत्तर भारत में इस प्राकृतिक आपदा ने एक बार फिर इंफ्रास्ट्रक्चर की कमजोरी, पर्यावरणीय असंतुलन और आपदा प्रबंधन की सीमाओं को उजागर कर दिया है। आने वाले दिनों में अगर बारिश का सिलसिला थमता नहीं है, तो स्थिति और भी भयावह हो सकती है। प्रशासन और नागरिकों के लिए यह समय सतर्कता, सहयोग और धैर्य का है।