Katra Landslide: कटरा भूस्खलन त्रासदी: 30 की मौत, बचाव अभियान जारी, वैष्णो देवी यात्रा स्थगित

Katra Landslide: कटरा भूस्खलन त्रासदी: 30 की मौत, बचाव अभियान जारी, वैष्णो देवी यात्रा स्थगित
जम्मू-कश्मीर के कटरा में वैष्णो देवी मंदिर के पास भारी बारिश से हुई तबाही ने पूरे इलाके को हिला दिया है। मंगलवार दोपहर करीब तीन बजे अर्धकुंवारी क्षेत्र के इंद्रप्रस्थ भोजनालय के पास अचानक बड़ा भूस्खलन हुआ। शुरुआती जानकारी में 8 लोगों की मौत और 20 से अधिक लोगों के घायल होने की पुष्टि हुई थी, लेकिन राहत और बचाव कार्य आगे बढ़ने के साथ मृतकों की संख्या बढ़कर 30 तक पहुंच गई है।
भूस्खलन इतना भयावह था कि कई लोग मलबे के नीचे दब गए। एनडीआरएफ, सीआरपीएफ और भारतीय सेना के जवान लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहे हैं। बिना थके और रुके, जवान हर संभव प्रयास कर रहे हैं कि दबे हुए लोगों को सुरक्षित निकाला जा सके। अधिकारियों ने आशंका जताई है कि अब भी मलबे में कई लोग दबे हो सकते हैं।
प्राकृतिक आपदा ने इलाके में बुनियादी ढांचे को भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया है। अब तक तीन पुल टूट चुके हैं। भारी बारिश और मलबे के कारण जम्मू-पठानकोट नेशनल हाईवे पर यातायात पूरी तरह बाधित है। कठुआ में रावी पुल का एक बड़ा हिस्सा बह गया है। हालात इतने गंभीर हैं कि माता वैष्णो देवी यात्रा को भी अस्थायी रूप से रोकना पड़ा है।
प्रशासन और सुरक्षाबलों की टीम लगातार प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को निकाल रही है। जानकारी के अनुसार, अब तक जम्मू संभाग से करीब 5000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। सीआरपीएफ के 22 जवान, 3 स्थानीय नागरिक और एक डॉग स्क्वॉड का सदस्य सेना के हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू किया गया।
जम्मू डिवीजनल कमिश्नर रमेश कुमार ने बताया कि चिनाब नदी का जलस्तर अभी भी खतरे के निशान से ऊपर है। नदी किनारे फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए सेना की मदद ली जा रही है। प्रशासन पूरी तरह अलर्ट पर है और हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है।
इस हादसे ने न सिर्फ जम्मू-कश्मीर बल्कि पूरे देश को झकझोर दिया है। प्रभावित परिवारों की मदद के लिए राहत शिविर बनाए जा रहे हैं। सरकार ने मृतकों के परिजनों और घायलों के लिए मुआवजे की घोषणा भी की है।



