Raebareli Dalit Murder: ‘इंसानियत और न्याय की हत्या’ — रायबरेली में दलित युवक की हत्या पर राहुल गांधी और खड़गे ने यूपी सरकार पर साधा निशाना

Raebareli Dalit Murder: ‘इंसानियत और न्याय की हत्या’ — रायबरेली में दलित युवक की हत्या पर राहुल गांधी और खड़गे ने यूपी सरकार पर साधा निशाना
उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में 38 वर्षीय दलित युवक हरिओम वाल्मीकि की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर की गई हत्या ने देशभर में आक्रोश फैला दिया है। इस घटना की कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने तीखी निंदा की है। दोनों नेताओं ने इसे न केवल एक व्यक्ति की हत्या बल्कि “इंसानियत, संविधान और न्याय की हत्या” बताया। उन्होंने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार और केंद्र की बीजेपी-नेतृत्व वाली एनडीए सरकार पर सामाजिक असमानता और बढ़ती हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराया।
कांग्रेस नेताओं ने एक संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा कि रायबरेली की घटना हमारे संविधान की आत्मा पर प्रहार है। उन्होंने कहा, “भारत का संविधान हर नागरिक को समानता, स्वतंत्रता और सुरक्षा का अधिकार देता है, लेकिन आज दलितों, अल्पसंख्यकों और गरीबों के अधिकारों को कुचला जा रहा है। रायबरेली में हरिओम वाल्मीकि की हत्या सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि इंसानियत और सामाजिक न्याय की हत्या है।”
राहुल गांधी ने अपने बयान में कहा कि भारत में आज कमजोर, वंचित और हाशिए पर रहने वाले लोगों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। “दलित, आदिवासी, मुसलमान, पिछड़े और गरीब — जिनकी आवाज़ कमजोर है, जिनकी हिस्सेदारी छीनी जा रही है — वही आज सबसे ज़्यादा पीड़ित हैं। यह हमारे समाज के नैतिक पतन का संकेत है,” उन्होंने कहा।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी घटना पर गहरा दुख जताते हुए कहा कि यह सिर्फ रायबरेली की नहीं, बल्कि पूरे देश के अंतःकरण को झकझोर देने वाली वारदात है। उन्होंने कहा, “जब शासन और प्रशासन मूकदर्शक बन जाए, तब अपराधियों को खुली छूट मिल जाती है। दलितों और गरीबों के खिलाफ हिंसा की घटनाएं हमारी न्याय व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाती हैं।”
दोनों नेताओं ने हाल के वर्षों में हुई घटनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि यह सिलसिला नया नहीं है। उन्होंने हाथरस, उन्नाव, मध्य प्रदेश, ओडिशा और हरियाणा की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि “रोहित वेमुला का संस्थागत मर्डर, पहलू खान और अखलाक की हत्या, आदिवासी युवक का अपमान — ये सब दिखाते हैं कि सामाजिक अन्याय किस हद तक गहराता जा रहा है।”
राहुल गांधी और खड़गे ने केंद्र सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि 2014 के बाद से भीड़ हिंसा, बुलडोजर न्याय और भीड़तंत्र जैसी प्रवृत्तियाँ “नए भारत” की भयावह सच्चाई बन गई हैं। उन्होंने कहा, “हिंसा किसी सभ्य समाज की पहचान नहीं हो सकती। जब शासन हिंसा पर आंख मूंद ले, तो यह केवल प्रशासन की विफलता नहीं, बल्कि राष्ट्र की नैतिक हार होती है।”
मामले के अनुसार, रायबरेली में हरिओम वाल्मीकि को स्थानीय लोगों ने ‘ड्रोन चोर’ समझकर पीट-पीटकर मार डाला। इलाके में पहले से यह अफवाह फैली हुई थी कि चोर घरों की रेकी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे हैं। पुलिस ने अब तक इस मामले में कई संदिग्धों को हिरासत में लिया है और जांच जारी है।
इस अमानवीय वारदात ने एक बार फिर सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या भारत में कमजोर वर्गों की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित हो पा रहा है, या कानून व्यवस्था केवल ताकतवरों के पक्ष में काम कर रही है।



