देश दुनिया

Nitish Kumar Temple Visit: बिहार चुनाव नतीजों से पहले नीतीश कुमार का धार्मिक दौरा — मंदिर, मजार और गुरुद्वारा जाकर दिया सर्वधर्म समभाव का संदेश

Nitish Kumar Temple Visit: बिहार चुनाव नतीजों से पहले नीतीश कुमार का धार्मिक दौरा — मंदिर, मजार और गुरुद्वारा जाकर दिया सर्वधर्म समभाव का संदेश

पटना, बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का धार्मिक दौरा सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है। बुधवार को उन्होंने पटना के महावीर मंदिर, पटना साहिब गुरुद्वारा और नेहरू पथ स्थित मजार पर जाकर माथा टेका। इस यात्रा को नीतीश कुमार का एक सोचा-समझा राजनीतिक कदम माना जा रहा है, जिससे उन्होंने सर्वधर्म समभाव और सामाजिक एकता का संदेश देने की कोशिश की है।

मंदिर से मजार तक — ईश्वर की शरण में पहुंचे नीतीश कुमार
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सुबह सबसे पहले पटना जंक्शन के पास महावीर मंदिर पहुंचे, जहां उन्होंने हनुमानजी की पूजा-अर्चना की और मंदिर के संस्थापक किशोर कुणाल की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इसके बाद वे पटना साहिब गुरुद्वारा गए और माथा टेका। धार्मिक कार्यक्रम की श्रृंखला यहीं खत्म नहीं हुई — नीतीश कुमार ने इसके बाद पटना हाईकोर्ट के पास नेहरू पथ स्थित हजरत शाह जलाल शहीद रहमतुल्लाह की दरगाह पर चादर चढ़ाई और बिहार की समृद्धि एवं खुशहाली की दुआ मांगी।

इस धार्मिक दौरे के दौरान नीतीश कुमार के साथ मंत्री विजय चौधरी और मंत्री अशोक चौधरी भी मौजूद रहे। हालांकि, नीतीश कुमार ने मीडिया से कोई बातचीत नहीं की, लेकिन उनके चेहरे की मुस्कान ने संकेत दिया कि वे चुनावी नतीजों को लेकर आत्मविश्वास से भरे हैं।

सियासी रणनीति या आस्था की अभिव्यक्ति?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि नीतीश कुमार का यह धार्मिक दौरा सिर्फ आध्यात्मिक यात्रा नहीं, बल्कि एक राजनीतिक संदेश भी है — “सभी धर्मों का सम्मान और सभी समाज को साथ लेकर चलने की नीति”। वे हर बार चुनावों के बाद मंदिरों, मजारों और गुरुद्वारों में जाकर यही संदेश देते हैं कि सत्ता या राजनीति से ऊपर मानवता और धार्मिक सौहार्द है।

मंत्री विजय चौधरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि “मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ईश्वर के प्रति आभार प्रकट किया है कि बिहार विधानसभा चुनाव शांतिपूर्ण और निर्विवाद संपन्न हुए। उन्होंने बिहार की जनता के उज्जवल भविष्य और राज्य की खुशहाली के लिए प्रार्थना की। जनसेवा को ही वे अपना धर्म मानते हैं।”

चुनावी संदर्भ में नीतीश की यात्रा
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के परिणाम शुक्रवार को घोषित किए जाएंगे। इससे पहले आए एग्जिट पोल्स में एनडीए गठबंधन की मजबूत बढ़त दिखाई गई है, जिससे जेडीयू और नीतीश समर्थक उत्साहित हैं। नीतीश कुमार 18 साल से बिहार के मुख्यमंत्री हैं और इस बार भी सत्ता में वापसी की उम्मीद में हैं।

चुनाव के इस निर्णायक मोड़ पर मंदिर, मजार और गुरुद्वारा का उनका यह दौरा न केवल आस्था की झलक दिखाता है, बल्कि बिहार की सामाजिक एकता, धर्मनिरपेक्षता और समावेशी राजनीति के प्रतीक के रूप में भी देखा जा रहा है।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button