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Shibu Soren Demise: शिबू सोरेन के निधन पर देश में शोक की लहर, राष्ट्रपति मुर्मू और प्रधानमंत्री मोदी ने किए अंतिम दर्शन, हेमंत-कल्पना सोरेन को दी सांत्वना

Shibu Soren Demise: शिबू सोरेन के निधन पर देश में शोक की लहर, राष्ट्रपति मुर्मू और प्रधानमंत्री मोदी ने किए अंतिम दर्शन, हेमंत-कल्पना सोरेन को दी सांत्वना

झारखंड की राजनीति के प्रमुख स्तंभ और आदिवासी समाज की बुलंद आवाज माने जाने वाले शिबू सोरेन का सोमवार 4 अगस्त को निधन हो गया। 80 वर्षीय वरिष्ठ नेता और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन पिछले एक महीने से दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में किडनी की गंभीर बीमारी के चलते जीवन रक्षक प्रणाली पर थे। सोमवार सुबह 8:56 बजे डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। अस्पताल ने बयान जारी कर कहा कि चिकित्सा टीम के तमाम प्रयासों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका।

शिबू सोरेन के निधन की खबर फैलते ही पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद सर गंगाराम अस्पताल पहुंचे और दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मुर्मू ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात कर उन्हें ढाढ़स बंधाया और पत्नी कल्पना सोरेन को भी सांत्वना दी।

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। दुख की इस घड़ी में उनके परिजनों से मिलकर संवेदना व्यक्त की गई। उनका पूरा जीवन आदिवासी समुदाय के कल्याण के लिए समर्पित रहा, जिसके लिए उन्हें सदैव याद किया जाएगा।”

राष्ट्रपति मुर्मू ने भी शिबू सोरेन के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि वह एक सच्चे जननेता और आदिवासी अधिकारों की बुलंद आवाज थे।

इससे पहले हेमंत सोरेन ने ‘एक्स’ पर बेहद भावुक पोस्ट में लिखा, “आदरणीय दिशोम गुरुजी हम सबको छोड़कर चले गए… मैं आज शून्य हो गया हूं।” यह संदेश राज्य भर में शोक और संवेदना की लहर फैलाने वाला साबित हुआ।

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने बताया कि शिबू सोरेन का पार्थिव शरीर सोमवार शाम 4 बजे रांची लाया जाएगा और मोरहाबादी स्थित उनके आवास पर अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। मंगलवार सुबह 11 बजे उनका पार्थिव शरीर झारखंड विधानसभा भवन ले जाया जाएगा, जहां आम जनता और नेताओं को उन्हें अंतिम विदाई देने का अवसर मिलेगा। इसके बाद अंतिम संस्कार के लिए शव को उनके पैतृक गांव नेमरा, रामगढ़ जिले में ले जाया जाएगा।

डॉ. एके भल्ला, जो कि नेफ्रोलॉजी के वरिष्ठ सलाहकार हैं, उन्होंने बताया कि शिबू सोरेन को पिछले महीने स्ट्रोक आया था और उसके बाद से ही वह गंभीर रूप से बीमार थे। उन्होंने कहा, “शिबू सोरेन किडनी की बीमारी से पीड़ित थे और पिछले एक महीने से वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे।”

शिबू सोरेन का राजनीतिक जीवन झारखंड आंदोलन से शुरू हुआ था और उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संस्थापक के रूप में राज्य के आदिवासी हितों की दशकों तक जोरदार वकालत की। वह तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और केंद्र सरकार में मंत्री भी रहे।

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