Greater Noida: ग्रेटर नोएडा में तेज रफ्तार रोडवेज बस ने श्रद्धालुओं को रौंदा, दो की मौत, दो गंभीर घायल

Greater Noida: ग्रेटर नोएडा में तेज रफ्तार रोडवेज बस ने श्रद्धालुओं को रौंदा, दो की मौत, दो गंभीर घायल
ग्रेटर नोएडा के थाना बादलपुर क्षेत्र में एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ, जिसमें माता की ज्योति लेकर जा रहे चार श्रद्धालुओं को तेज रफ्तार रोडवेज बस ने टक्कर मार दी। इस हादसे में दो श्रद्धालुओं की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और घायलों का इलाज अस्पताल में चल रहा है।
श्रद्धालुओं की पहचान और हादसे का विवरण
मृतकों की पहचान बुलंदशहर जिले के खानपुर चोला गांव निवासी गौरव और निखिल के रूप में हुई है। उनके साथी रचित और मनीष गंभीर रूप से घायल हैं और उन्हें ग्रेटर नोएडा के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत नाजुक बनी हुई है। मृतक गौरव के पिता धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि चारों दोस्त दिल्ली के प्रसिद्ध कालका मंदिर से माता की ज्योति लेकर पैदल NH-34 के रास्ते दादरी की ओर जा रहे थे। रात करीब 11:30 बजे जब वे डेरी मच्छा गांव के पास पहुंचे, तभी पीछे से आ रही एक तेज रफ्तार रोडवेज बस ने लापरवाही से उन्हें टक्कर मार दी।
घटना के बाद मचा हड़कंप, पुलिस ने किया मामला दर्ज
तेज टक्कर लगते ही चारों श्रद्धालु सड़क पर गिर पड़े, जिसके बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई। स्थानीय लोग और अन्य श्रद्धालु तुरंत मौके पर पहुंचे और पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने घायलों को तत्काल पास के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन डॉक्टरों ने गौरव और निखिल को मृत घोषित कर दिया। वहीं, रचित और मनीष की हालत गंभीर बनी हुई है और उनका इलाज जारी है।
मृतकों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। धर्मेंद्र सिंह की शिकायत पर पुलिस ने अज्ञात बस चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और उसकी तलाश की जा रही है। पुलिस सीसीटीवी फुटेज की मदद से आरोपी चालक की पहचान करने की कोशिश कर रही है।
श्रद्धालुओं के जत्थों के लिए प्रशासनिक व्यवस्था की कमी
नवरात्र के दौरान दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों से हजारों श्रद्धालु माता की ज्योति लेकर नोएडा, ग्रेटर नोएडा, दादरी और बुलंदशहर तक पैदल यात्रा करते हैं। हाईवे पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जमा हो जाती है, जिससे कई बार जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है और सड़क हादसे होते रहते हैं।
हर साल इस तरह के जत्थे सड़क दुर्घटनाओं का शिकार होते हैं, लेकिन प्रशासन श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम नहीं कर पाता। यदि इनके लिए अलग से पैदल चलने का मार्ग निर्धारित कर दिया जाए या सुरक्षा नियम बनाए जाएं, तो ऐसे हादसों को रोका जा सकता है। लेकिन प्रशासन की लापरवाही के चलते श्रद्धालुओं को अपनी जान गंवानी पड़ती है।
इस घटना ने एक बार फिर प्रशासन की व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए ट्रैफिक पुलिस और प्रशासन को ठोस कदम उठाने की जरूरत है ताकि भविष्य में इस तरह की दर्दनाक घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।