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CP Radhakrishnan Vice President: सीपी राधाकृष्णन ने ली उपराष्ट्रपति पद की शपथ, असाधारण रही है उनकी राजनीतिक यात्रा

CP Radhakrishnan Vice President: सीपी राधाकृष्णन ने ली उपराष्ट्रपति पद की शपथ, असाधारण रही है उनकी राजनीतिक यात्रा

देश को नया उपराष्ट्रपति मिल गया है। शुक्रवार को सीपी राधाकृष्णन ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक गरिमामय समारोह में भारत के 15वें उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली। उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शपथ दिलाई। राधाकृष्णन ने हाल ही में हुए चुनाव में इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी और पूर्व जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी को 152 मतों के अंतर से हराकर जीत हासिल की थी। यह चुनाव 9 सितंबर को आयोजित हुआ था, जो उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के बाद संपन्न कराया गया।

राधाकृष्णन ने शपथ ग्रहण से पहले महाराष्ट्र के राज्यपाल पद से इस्तीफा दिया था। उनके इस्तीफे के बाद राष्ट्रपति मुर्मू ने गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत को महाराष्ट्र का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है। राधाकृष्णन के राज्यपाल के कार्यकाल में उन्हें प्रशासनिक दक्षता और जनसंपर्क में सुलभ नेता माना गया।

उनकी यात्रा छात्र आंदोलनों और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से शुरू हुई थी। संघ से जुड़कर वे सक्रिय राजनीति में आए और धीरे-धीरे भाजपा संगठन में मजबूत नेता के रूप में उभरे। 2004 से 2007 तक वे तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष रहे और इस दौरान उन्होंने 93 दिनों में 19,000 किलोमीटर लंबी रथ यात्रा निकाली। इस यात्रा का उद्देश्य नदियों को जोड़ने, आतंकवाद के उन्मूलन, समान नागरिक संहिता और नशे के खिलाफ जनजागरण करना था।

राधाकृष्णन दो बार कोयंबटूर लोकसभा सांसद चुने गए। उन्होंने संसद में रहते हुए कपड़ा मंत्रालय की स्थायी समिति की अध्यक्षता की और स्टॉक एक्सचेंज घोटाले की जांच समिति में भी भूमिका निभाई। 2004 में उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया और वे ताइवान जाने वाले पहले भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा भी बने।

वे संगठन और प्रशासन दोनों क्षेत्रों में मजबूत पकड़ वाले नेता माने जाते हैं। उनके समर्थक उन्हें “तमिलनाडु का मोदी” कहकर संबोधित करते हैं। वे ओबीसी समुदाय कोंगु वेल्लार (गाउंडर) से आते हैं। उनकी पत्नी सुमति हैं और उनके एक बेटा और एक बेटी है।

महाराष्ट्र, झारखंड, तेलंगाना और पुडुचेरी जैसे प्रदेशों में राज्यपाल के रूप में कार्य करते हुए राधाकृष्णन ने दक्षिण भारत में भाजपा को सशक्त बनाने में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।

आज उपराष्ट्रपति पद की शपथ लेते हुए राधाकृष्णन ने अपने राजनीतिक और सामाजिक जीवन की नई पारी की शुरुआत की है। उनकी यह सफलता न केवल उनके व्यक्तिगत संघर्षों और प्रयासों की कहानी है, बल्कि संघ और भाजपा में उनकी लंबी सेवाओं का परिणाम भी है।

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