Nalanda Thunderstorm Deaths: बिहार में आकाशीय बिजली का कहर, छह की मौत, कई घायल, खेत में काम कर रहे थे सभी पीड़ित
बिहार के नालंदा और औरंगाबाद जिलों में बुधवार को मौसम ने कहर बरपाया। अचानक बदले मौसम और भारी बारिश के दौरान वज्रपात (ठनका) की चपेट में आकर कुल छह लोगों की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से झुलस गए हैं। मरने वालों में महिलाएं, एक किशोर, और कई किसान शामिल हैं। ये सभी लोग उस समय खुले में थे या खेतों में काम कर रहे थे, जब आसमान से बिजली गिरी।
नालंदा जिले के नगरनौसा प्रखंड में 47 वर्षीय सीमा देवी की खेत में धान की रोपाई करते वक्त आकाशीय बिजली गिरने से मौत हो गई। वे कपिल पंडित की पत्नी थीं। घटना के बाद मुखिया शंभु कुमार ने उनके परिजनों को राहत सामग्री और आर्थिक मदद उपलब्ध करवाई। इसी जिले के वेना थाना क्षेत्र में 55 वर्षीय रंधीर कुमार उर्फ गब्बर सिंह की भी मौत वज्रपात से हो गई। उन्हें बचाने के लिए परिवार के लोग अस्पताल लेकर निकले, लेकिन रास्ते में ही उनकी सांसे थम गईं।
नूरसराय में यशोदा देवी नाम की एक महिला खेत में काम कर रही थीं, जब तेज गर्जना के साथ बिजली गिरी और उनकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया और पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। वहीं रहुई थाना क्षेत्र में 55 वर्षीय किसान रामविलास यादव भी अपने खेत में पानी दे रहे थे, जब वज्रपात ने उन्हें मौत के घाट उतार दिया।
गिरियक थाना क्षेत्र में और भी दिल दहला देने वाली घटना घटी, जब महज 13 वर्षीय सागर कुमार, जो अपनी ननिहाल आया हुआ था, मैदान में खेलते वक्त ठनके की चपेट में आ गया और मौके पर ही दम तोड़ दिया। उसके साथ खेल रहा एक और बच्चा गंभीर रूप से झुलस गया है, जिसका इलाज नजदीकी अस्पताल में जारी है।
इन सभी घटनाओं के बाद प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को 20 हजार रुपये की तात्कालिक सहायता राशि प्रदान की है। हालांकि जानकारों और आम लोगों का कहना है कि यह राहत अपर्याप्त है, क्योंकि पीड़ित परिवारों ने अपने कमाने वाले सदस्यों को खो दिया है।
इधर, बिहार के औरंगाबाद जिले में भी इसी तरह की एक घटना में 36 वर्षीय किसान सुभाष कुमार महतो की मौत हो गई। वे मुफस्सिल थाना क्षेत्र के खान कपसिया गांव में अपने खेत में धान की रोपनी के लिए बिचड़ा उखाड़ रहे थे, तभी अचानक बारिश शुरू हुई और तेज गर्जना के साथ वज्रपात हुआ। आसपास के लोगों ने जब खेत में उन्हें गिरा देखा तो शोर मचाया और परिजनों को बुलाया। परिवार ने तुरंत अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
सुभाष कुमार महतो अपने घर से लगभग आधा किलोमीटर दूर खेत में काम कर रहे थे। उनकी मौत ने पूरे गांव को शोक में डुबो दिया है। परिजनों के अनुसार, सुभाष के छह बच्चे हैं — पांच बेटियां और एक बेटा। अब उनके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है, क्योंकि बच्चों के सिर से पिता का साया हमेशा के लिए उठ गया है।
ये घटनाएं एक बार फिर साबित करती हैं कि खेतों में काम कर रहे मजदूरों और किसानों के लिए प्राकृतिक आपदाएं किस कदर जानलेवा साबित हो रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे हालात में सरकार को चाहिए कि वह मौसम अलर्ट को गांव-गांव तक पहुंचाए, ताकि लोग सतर्क हो सकें। साथ ही मुआवजा राशि बढ़ाने और पीड़ित परिवारों को दीर्घकालीन सहायता देने की भी आवश्यकता है।