Himachal Flash Flood 2025: हिमाचल में बारिश से कहर: 11 दिनों में 51 मौतें, मंडी में सबसे ज़्यादा तबाही, 34 लापता, 287 लोगों का रेस्क्यू
हिमाचल प्रदेश में मॉनसून ने विनाशकारी रूप धारण कर लिया है। बीते 30 घंटों में बारिश, बादल फटने और फ्लैश फ्लड की घटनाओं ने पूरे प्रदेश को हिला कर रख दिया है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अब तक 10 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि मंडी जिले से 34 लोग लापता हैं। राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है, लेकिन स्थिति बेहद गंभीर बनी हुई है।
मंडी सबसे ज्यादा प्रभावित, सड़कें और संचार सेवाएं ठप
प्रदेश के मंडी, चंबा, हमीरपुर और किन्नौर जिलों में सबसे अधिक तबाही देखने को मिली है। अकेले मंडी जिले में भारी बारिश, फ्लैश फ्लड और भूस्खलन से सैकड़ों लोग फंसे थे, जिन्हें रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। अब तक मंडी, चंबा और हमीरपुर से कुल 333 लोगों को बचाया गया है। मंडी में 900 से अधिक बिजली ट्रांसफार्मर ठप हैं, जिससे सैकड़ों गांवों में अंधेरा छा गया है। 248 सड़कों के बंद होने से मंडी एक तरह से बाकी प्रदेश से कट गया है।
जिला प्रशासन के अनुसार, मंडी जिले के गोहर, करसोग और धर्मपुर उपमंडलों में बादल फटने की कई घटनाएं दर्ज की गई हैं। गोहर के स्यांज और बड़ा गोहर में दो-दो मौतें हुई हैं, जबकि करसोग, थुनाग, धार जरोल, तलवाड़ा और जोगिंदनगर से भी एक-एक मौत की पुष्टि हुई है। अब तक 24 घर, 12 गौशालाएं और 30 मवेशी इस आपदा में नष्ट हो चुके हैं।
नौ सदस्यीय दो परिवार लापता, दो शव मिले
गोहर उपमंडल के स्यांज गांव से नौ लोगों का एक साथ लापता होना सबसे गंभीर घटनाओं में से एक है। ये सभी एक ही परिवार के सदस्य हैं, जिनमें से दो शव बरामद किए जा चुके हैं। मृतकों की पहचान पदम सिंह, देवकू देवी, झाबे राम, पार्वती देवी, सुरमि देवी, इंद्र देव, उमावती, कनिका और गौतम के रूप में हुई है।
बचाव कार्य में लगी NDRF और SDRF की टीमें
बचाव कार्य में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) और राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) की टीमें लगातार जुटी हुई हैं। गोहर, थुनाग और करसोग क्षेत्रों में विशेष दल तैनात किए गए हैं। कई ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली, पानी और मोबाइल नेटवर्क पूरी तरह से ठप हो गया है, जिससे राहत कार्यों में बाधा आ रही है।
राज्यभर में भारी नुकसान, जल और बिजली संकट गहराया
राज्य सरकार की आपदा प्रबंधन रिपोर्ट के अनुसार, पूरे प्रदेश में पिछले 11 दिनों में 51 लोगों की मौत हो चुकी है। छह लोग अब भी लापता हैं। 9 पक्के और 4 कच्चे घर पूरी तरह ढह गए हैं, जबकि 35 कच्चे मकान, 9 दुकानें और 41 गौशालाएं भी जमींदोज हो चुकी हैं। भारी बारिश से प्रदेश की 400 से अधिक सड़कें बंद हैं और 171 जल परियोजनाएं ठप पड़ी हैं।
आपात स्थिति में हेल्पलाइन नंबर और चेतावनी ऐप की अपील
हिमाचल प्रदेश सरकार ने आपात स्थिति में तुरंत सहायता के लिए 1070 और 1077 नंबरों पर कॉल करने की अपील की है। साथ ही, राज्य सरकार ने नागरिकों से ‘सचेत’ मोबाइल ऐप इंस्टॉल करने को कहा है, ताकि वे समय पर मौसम और आपदा से जुड़ी चेतावनियां प्राप्त कर सकें।
राजस्व विभाग के विशेष सचिव दुनी चंद राणा ने बताया कि सबसे अधिक असर मंडी जिले में देखा गया है। भारी बारिश और लगातार हो रही आपदाओं को देखते हुए पूरे राज्य में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है और प्रभावित परिवारों को राहत सामग्री, भोजन और चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।