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MNS Attack Kalyan: महाराष्ट्र में एमएनएस की गुंडागर्दी फिर हावी, कोचिंग सेंटर संचालक पर हमला, राज ठाकरे की चुप्पी पर उठे सवाल

MNS Attack Kalyan: महाराष्ट्र में एमएनएस की गुंडागर्दी फिर हावी, कोचिंग सेंटर संचालक पर हमला, राज ठाकरे की चुप्पी पर उठे सवाल

महाराष्ट्र में राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) से जुड़े कार्यकर्ताओं की गुंडागर्दी एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार टारगेट बना है मुंबई के पास कल्याण इलाके में स्थित एक कोचिंग सेंटर, जहां तीन एमएनएस कार्यकर्ताओं ने कोचिंग सेंटर के प्रमुख सिद्धार्थ सिंह चंदेल पर दिनदहाड़े हमला कर दिया। घटना का ढाई मिनट का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें पूरी वारदात कैद है। इस शर्मनाक हमले ने एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं कि महाराष्ट्र में कानून का राज है या फिर राजनीतिक संरक्षण में खुलेआम गुंडागर्दी चल रही है।

वीडियो में देखा जा सकता है कि तीन एमएनएस कार्यकर्ता चंदेल के सामने बैठते हैं और उनसे कोचिंग फीस को लेकर सवाल-जवाब करते हैं। वे आरोप लगाते हैं कि चंदेल छात्रों से भारी फीस वसूलते हैं लेकिन पढ़ाई का स्तर खराब है और कई बार कक्षाएं नहीं ली जातीं। सिद्धार्थ चंदेल शांतिपूर्वक फोन पर बातचीत करते हुए स्थिति को संभालने की कोशिश करते हैं, लेकिन गुस्साए कार्यकर्ता बात को हाथापाई तक ले जाते हैं।

एक हमलावर पहले चंदेल को थप्पड़ मारता है, फिर दूसरा व्यक्ति उनके ऊपर स्टील की बोतल फेंकता है। इसके बाद तीसरा हमलावर लकड़ी की पट्टिका से उन पर हमला करता है। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि कक्षे में कई लड़कियां भी मौजूद थीं, जिनमें से एक छात्रा इस पूरी घटना की वीडियो बना रही थी। हमला इस कदर भयावह था कि चंदेल ने कई बार विनती की, लेकिन हमलावर रुकने को तैयार नहीं थे। वे धमकी भरे लहजे में बात करते रहे और चंदेल की टेबल को चारों तरफ से घेर लिया।

यह कोई पहली घटना नहीं है जब एमएनएस कार्यकर्ताओं ने इस तरह की हिंसा की हो। इससे पहले मराठी भाषा के मुद्दे पर मुंबई के मीरा रोड और विक्रोली इलाके में दुकानदारों के साथ मारपीट की गई थी। इन सभी मामलों में राज ठाकरे या एमएनएस की ओर से कोई खेद नहीं जताया गया, बल्कि अक्सर इन हमलावरों का बचाव ही किया गया। इस बार भी एमएनएस की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, जिससे सवाल उठ रहे हैं कि क्या पार्टी इस हिंसा को मौन स्वीकृति दे रही है?

राज ठाकरे के पुराने बयानों को देखते हुए यह साफ है कि उनकी पार्टी बार-बार हिंसात्मक कार्यों के जरिए सुर्खियों में रहने की कोशिश करती रही है। कभी भाषा को लेकर, कभी धर्म या क्षेत्रवाद को लेकर, एमएनएस कार्यकर्ता आम नागरिकों पर हमले करते हैं और पार्टी के नेता ऐसे कृत्यों को ‘मराठा स्वाभिमान’ के नाम पर सही ठहराते हैं।

अब इस ताजा मामले ने शिक्षा जगत को भी असुरक्षित बना दिया है। एक कोचिंग सेंटर जैसे शांतिपूर्ण स्थल में घुसकर इस तरह का हमला कानून व्यवस्था पर बड़ा प्रश्नचिन्ह लगाता है। स्थानीय प्रशासन को इस मामले में सख्त कार्रवाई करनी चाहिए ताकि यह संदेश जाए कि कोई भी व्यक्ति, चाहे वह किसी भी पार्टी से जुड़ा हो, कानून से ऊपर नहीं है।

 

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