Pahalgam Terror Attack: प्रधानमंत्री मोदी की उच्च स्तरीय बैठक, पहलगाम आतंकी हमले पर सेना को खुली छूट, आतंकवाद पर निर्णायक कार्रवाई के संकेत

Pahalgam Terror Attack: प्रधानमंत्री मोदी की उच्च स्तरीय बैठक, पहलगाम आतंकी हमले पर सेना को खुली छूट, आतंकवाद पर निर्णायक कार्रवाई के संकेत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के मद्देनज़र एक महत्वपूर्ण उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक बुलाई। प्रधानमंत्री आवास पर आयोजित इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान और तीनों सेनाओं के प्रमुख—थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह—शामिल हुए।

करीब 90 मिनट तक चली इस बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति को दोहराते हुए कहा कि यह हमारे राष्ट्रीय संकल्प का हिस्सा है कि आतंकवाद को निर्णायक और करारा जवाब दिया जाए। उन्होंने इस दौरान देश की सशस्त्र सेनाओं की पेशेवर क्षमताओं पर पूर्ण विश्वास जताते हुए उन्हें आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए पूरी ऑपरेशनल स्वतंत्रता देने का निर्देश दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि सशस्त्र बलों को यह स्वतंत्रता दी जाती है कि वे किस प्रकार, कब और किन लक्ष्यों को लेकर प्रतिक्रिया देंगे—इस पर वे अपने विवेक से निर्णय लें।

सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि अब समय आ गया है जब भारत की सुरक्षा एजेंसियां और सेनाएं आतंकवाद के प्रति और भी अधिक आक्रामक रुख अपनाएं। उन्होंने सुरक्षा बलों को यह संकेत दिया कि सरकार हर संभव सहयोग प्रदान करेगी, चाहे वह सामरिक हो या राजनयिक।

बैठक में पहलगाम हमले के बाद की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की गई और घाटी में सक्रिय आतंकी समूहों के खिलाफ चल रहे ऑपरेशनों पर विस्तृत चर्चा हुई। सुरक्षा एजेंसियों ने हमले से जुड़े संभावित गुटों की पहचान, उनके नेटवर्क और सपोर्ट सिस्टम पर जानकारी साझा की। इसके अतिरिक्त, सीमा पार से होने वाली घुसपैठ की संभावनाओं और उसे रोकने की रणनीति पर भी चर्चा हुई।

बैठक के बाद यह स्पष्ट संकेत मिल रहा है कि केंद्र सरकार अब आतंकवाद के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति को और भी सख्ती से लागू करने जा रही है। प्रधानमंत्री द्वारा सेना को “खुली छूट” दिए जाने का मतलब है कि अब आतंकियों और उनके मददगारों को निशाना बनाने में किसी भी प्रकार की झिझक नहीं रखी जाएगी।

पहलगाम हमला एक बार फिर यह दर्शाता है कि पाकिस्तान समर्थित आतंकी गुट घाटी में अस्थिरता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन केंद्र सरकार और भारतीय सुरक्षा बल इस चुनौती का जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। प्रधानमंत्री की अगुवाई में हुई यह उच्चस्तरीय बैठक भारत के सख्त और निर्णायक रुख का प्रमाण है।

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