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PM Modi in Thailand: थाईलैंड में पीएम मोदी ने देखी रामायण, प्रधानमंत्री को भेंट किया गया ‘द वर्ल्ड टिपिटका’

PM Modi in Thailand: थाईलैंड में पीएम मोदी ने देखी रामायण, प्रधानमंत्री को भेंट किया गया ‘द वर्ल्ड टिपिटका’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में अपनी समकक्ष पैंटोंगटॉर्न शिनावात्रा के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की। इस दौरान उन्होंने थाई कलाकारों द्वारा प्रस्तुत “रामायण” का अद्भुत मंचन देखा। पीएम मोदी दो दिवसीय यात्रा पर थाईलैंड पहुंचे हैं, जहां वह छठे बिम्सटेक (बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग पहल) शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे हैं। बैंकॉक पहुंचने पर उनका भव्य स्वागत किया गया और उन्हें ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया गया।

थाईलैंड की प्रधानमंत्री ने दी बौद्ध ग्रंथ की विशेष प्रति
प्रधानमंत्री मोदी को थाईलैंड की प्रधानमंत्री पैंटोंगटॉर्न शिनावात्रा ने “द वर्ल्ड टिपिटका – सज्जया ध्वन्यात्मक संस्करण” भेंट किया। संस्कृत में इसे त्रिपिटक कहा जाता है, जो भगवान बुद्ध की शिक्षाओं का प्रतिष्ठित संकलन है। इसमें 108 खंड हैं और इसे प्रमुख बौद्ध ग्रंथ माना जाता है। पीएम मोदी को भेंट किया गया यह संस्करण पाली और थाई लिपियों में लिखा गया है, जिसमें नौ मिलियन से अधिक अक्षरों का सटीक उच्चारण शामिल है। यह संस्करण 2016 में थाई सरकार द्वारा राजा भूमिबोल अदुल्यादेज (राम IX) और रानी सिरीकिट के 70 वर्ष के शासनकाल के उपलक्ष्य में प्रकाशित किया गया था। त्रिपिटक भेंट करना भारत के आध्यात्मिक नेतृत्व और बौद्ध देशों के साथ घनिष्ठ संबंध का प्रतीक है।

भारत-थाईलैंड संबंधों को लेकर विदेश मंत्रालय का बयान
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “गार्ड ऑफ ऑनर के साथ थाईलैंड की प्रधानमंत्री ने बैंकॉक के गवर्नमेंट हाउस में पीएम नरेंद्र मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया। दोनों नेता भारत-थाईलैंड साझेदारी को मजबूत करने पर विस्तृत चर्चा करेंगे।” प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने भी ‘एक्स’ पर लिखा कि पीएम मोदी ने थाईलैंड पहुंचने के बाद रामकियेन की प्रस्तुति देखी। यह भारत और थाईलैंड के बीच समृद्ध सभ्यतागत संबंधों को दर्शाता है।

पीएम मोदी ने साझा किया अनुभव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘एक्स’ पर लिखा, “एक अद्वितीय सांस्कृतिक जुड़ाव! थाई रामायण, रामकियेन की मनोरम प्रस्तुति देखी। यह वास्तव में शानदार अनुभव था, जिसमें भारत और थाईलैंड के बीच साझा सांस्कृतिक और सभ्यतागत संबंधों को खूबसूरती से दर्शाया गया। रामायण वास्तव में एशिया के कई हिस्सों में दिलों और परंपराओं को जोड़ती है।”

 

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