Iran Israel War 2025: ईरान-इजरायल युद्ध के 12वें दिन युद्धविराम पर विवाद, तेहरान ने ट्रंप की घोषणा खारिज की, इजरायल ने दी धमकी
ईरान और इज़राइल के बीच चल रहा युद्ध अब 12वें दिन में प्रवेश कर चुका है, और हालात लगातार तनावपूर्ण बने हुए हैं। इसी बीच अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच “पूर्ण और समग्र युद्धविराम” लागू हो चुका है। ट्रंप के इस ऐलान ने दुनिया को कुछ देर के लिए राहत की सांस दी, लेकिन कुछ ही घंटों बाद ईरान ने इस युद्धविराम को पूरी तरह खारिज कर दिया।
तेहरान ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि युद्धविराम या सैन्य अभियानों को समाप्त करने को लेकर अभी तक कोई औपचारिक समझौता नहीं हुआ है। ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने बयान जारी करते हुए कहा कि उनकी सरकार को युद्ध को आगे बढ़ाने में कोई रुचि नहीं है, बशर्ते कि इज़राइल अपना हमला रोक दे। अराघची ने कहा, “हमने बार-बार स्पष्ट किया है कि इज़राइल ने हम पर युद्ध थोपने की शुरुआत की है। अगर इज़राइली शासन हमारे नागरिकों के खिलाफ़ सुबह 4 बजे से पहले अपना आक्रामक अभियान रोक देता है, तो हमारा जवाबी कार्रवाई जारी रखने का कोई इरादा नहीं है।”
ईरान के एक सुरक्षा अधिकारी ने भी इस स्थिति की पुष्टि करते हुए कहा कि युद्धविराम लागू होने के बाद से अब तक इज़राइल पर कोई नई मिसाइल दागी नहीं गई है। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारी ने कहा, “हमने अब तक दुश्मन पर कोई हमला नहीं किया है। लेकिन अगर इज़राइल कुछ करता है, तो हम उसी तरह का जवाब देंगे जैसा हमने युद्धविराम लागू होने से ठीक एक घंटे पहले दिया था।”
हालांकि, इस अस्थायी विराम के बावजूद तनाव पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है। इज़राइल ने ईरान को खुलेआम चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर तेहरान ने कोई भी उकसाने वाली हरकत की, तो उसे ऐसा जवाब मिलेगा जिससे वह कांप उठेगा। इज़राइली सैन्य प्रवक्ता ने कहा, “हम शांत रहना चाहते हैं, लेकिन अगर ईरान ने कोई हरकत की तो हमारी प्रतिक्रिया इतनी भीषण होगी कि तेहरान को उसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।”
गौरतलब है कि इस संघर्ष की शुरुआत तब हुई जब इज़राइल ने ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई शुरू की, जिसे तेहरान ने “अवैध आक्रमण” बताया। जवाब में ईरान ने भी मिसाइल हमले किए, जिससे पश्चिम एशिया में अशांति की लहर फैल गई। अब, जब अमेरिकी मध्यस्थता से युद्धविराम की कोशिश की जा रही है, तो दोनों पक्षों की ओर से शर्तें और चेतावनियों का सिलसिला जारी है।
दुनिया भर के कूटनीतिक हलकों में यह सवाल उठने लगा है कि क्या यह युद्धविराम वास्तव में स्थायी शांति की दिशा में पहला कदम होगा, या फिर यह केवल एक अस्थायी विराम है जिसके बाद हालात और भयावह हो सकते हैं। अमेरिका, संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं दोनों देशों से संयम बरतने की अपील कर रही हैं, लेकिन जमीन पर तनाव अब भी विस्फोटक बना हुआ है।